Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रही है। 14 जनवरी से शुरू हुई कांग्रेस की यह यात्रा मणिपुर से मुंबई तक पहुंचेगी। सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें होने के चलते इस बार कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा यूपी से होकर भी गुजर रही है। ऐसा कहा जाता है कि यूपी की जीत से ही रास्ता केंद्र की कुर्सी तक जाता है। यूपी में 80 लोकसभा सीट है। वहीं, प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक सीट रायबरेली तक ही सिमट कर रह गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अमेठी की सीट भी गंवा चुकी है। हालांकि, इस बार देखना यह होगा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से कांग्रेस पार्टी को कितना फायदा होने की उम्मीद है।

यूपी के कितने जिलों से होकर गुजरेगी राहुल गांधी की न्याय यात्रा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बिहार से यूपी में एंट्री कर चुकी है। यहां पर यह यात्रा चंदौली, वाराणसी, भदोही, प्रयागराज, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर देहात, कानपुर शहर, जालौन और झांसी तक पहुंचेगी। यूपी में चुनाव दर चुनाव कांग्रेस पार्टी का ग्राफ गिरता ही जा रहा है। इसकी वजह से अन्य पार्टियों की ताकत में पहले से काफी इजाफा हुआ है। इसी के चलते आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस यूपी में ज्यादा जिलों को कवर करने की कोशिश कर रही है। ताकि, स्थिति पहले से कुछ बेहतर हो सके। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पिछली बार की भारत जोड़ो यात्रा ने लोगों पर काफी असर डाला था। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिये कांग्रेस देश की आम जनता के मुद्दों को उठाने का काम करेगी।

इस बार रायबरेली और अमेठी होकर भी गुजरेगी यात्रा

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने पिछली बार यूपी के सिर्फ तीन जिलों को ही कवर किया था। हालांकि, इस बार पार्टी यूपी के कई जिलों को कवर करने वाली है। इस रूट में उनका पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी और रायबरेली भी शामिल है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अपने पुराने गढ़ वापस पाने के लिए पूरी ताकत झोंकने की प्लानिंग कर रही है। इसी कड़ी में रायबरेली और अमेठी के साथ गांधी परिवार के भावनात्मक लगाव को उभारने के लिए इसे रूट में रखा गया है।

सोनिया गांधी ने लिखा भावनात्मक पत्र

कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने रायबरेली के लोगों को एक भावानात्मक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि मैं आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। इस फैसले के बाद मुझे आप लोगों की सेवा करने का मौका नहीं मिलेगा। सोनिया गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह स्नेह और नाता काफी पुराना है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद सांसद श्रीमति इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।

सोनिया गांधी ने आगे अपने खत में कहा कि अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिान यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं।

पिछली बार के दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन

साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ही कांग्रेस पार्टी का ग्राफ गिरता हुआ नजर रहा है। साल 2017 में यूपी में 403 विधानसभा सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव कराए गए। समाजवादी पार्टी की अंदरूनी लड़ाई के बाद जहां कांग्रेस ने उसके साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, वहीं बीएसपी अकेले अपने दम पर आगे बढ़ी। इसमें बीजेपी की जबरदस्त आंधी में अन्य दल उड़ गए। इनमें बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 324 सीटें हासिल की। इनमें से बीजेपी ने अकेले दम पर 311 सीटें जीती हैं, जबकि अपना दल (सोनेलाल) ने 9 सीटें जीती, जबकि भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी को 4 सीटें मिली थी।

वहीं, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को लोगों ने नकार दिया था। इन दोनों के गठबंधन को केवल 54 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। बीएसपी को 19 सीटें और अन्य को 6 सीटों पर जीत मिली थी। अगर वोट प्रतिशत की बात की जाए तो बीजेपी को 39.67 फीसदी वोट मिले और सपा को 21.82 फीसदी वोट मिले। वहीं, कांग्रेस पार्टी को केवल 6 प्रतिशत वोट से ही संतोष करना पड़ा।

उत्तरप्रदेश में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 255 सीटों पर विजय प्राप्त हुई थी। वहीं, समाजवादी पार्टी 111 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी के वोट शेयर में इस बार 1.63 फीसदी का इजाफा हुआ था। इस बार बढ़कर लगभग 41.29 प्रतिशत हो गया था। भले ही वोट ज्यादा बीजेपी को हासिल हुए हों लेकिन वोट शेयर सपा का काफी बढ़ गया था। सपा के वोट शेयर में 10.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सपा को पिछले चुनावों में 21.82 प्रतिशत वोट शेयर मिला था जो अब बढ़कर 32.06 प्रतिशत हो गया था। कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में काफी गिरावट देखने को मिली थी। कांग्रेस का वोट शेयर 3.91 प्रतिशत गिरा गया। साल 2022 में यह केवल 2.33 प्रतिशत ही रह गया।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की स्थिति

यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में एनडीए में बीजेपी और अपना दल (एस) एक साथ मिलकर लड़े थे और एनडीए का 51.19 प्रतिशत वोट शेयर रहा था। जिसमें बीजेपी के खाते में 49.98 प्रतिशत और अपना दल (एस) को 1.21 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ था। वहीं महगठबंधन (बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल) को 39.23 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। इसमें बसपा को 19.43 प्रतिशत, सपा को 18.11 प्रतिशत और रालोद को 1.69 प्रतिशत वोट मिला था। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी को केवल 6.36 फीसदी ही वोट शेयर मिला। अगर सीटों की बात की जाए तो बीजेपी को 62, अपना दल को 2, बीसएपी को 10, समाजवादी पार्टी को 5 सीटें और कांग्रेस पार्टी को केवर एक ही सीट से संतोष करना पड़ा।

समाजवादी पार्टी कांग्रेस को दे पाएगी माइलेज

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को 15-16 सीटें दे सकती है। हालांकि, समाजवादी पार्टी कांग्रेस को वही सीटें देने पर राजी हो सकती हैं, जिस पर वह अपने आप को कमजोर मानती है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आज ही सीट शेयररिंग के मुद्दे की घोषणा हो सकती है। समाजवादी पार्टी लोकसभा की 16 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है। इनमें से तीन सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवारों की दावेदारी पेश करना चाहेगी।