Aishwarya AVSK
Lok Sabha Elections 2019: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होंगे। चुनाव में दिल्ली के लिए खास बात यह है कि इस बार 90,000 ऐसे वोटर्स होंगे जो पहली बार अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में 8.4 करोड़ मतदाता पहली बार अपने मत का इस्तेमाल कर रहे हैं। साल 2014 की तुलना में मतदाताओं का यह आंकड़ा 1.5 करोड़ अधिक है। ऐसे में हम इस चुनावी मौसम में केंद्र के विभिन्न मुद्दों पर पहली बार के कुछ मतदाताओं की राय ले रहे हैं।
सवाल- सत्ता में आने पर नई सरकार की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए?
इस सवाल पर तृत्तीय वर्ष के मीडिया छात्र सुभम समता का मानना है कि नई सरकार को रोजगार दर बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। कहा जा रहा है कि रोजगार की दर 2022 तक या उसके बाद ही बढ़ेगी। मगर हम इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते। मेरे जैसे लोग बहुत जल्द ही नौकरियों की दुनिया में कदम रख रहे हैं। इस समय केवल वही लोग नौकरियां पा रहे हैं जो या तो अमीर हैं या नौकरी के लिए रिश्वत दे सकते हैं, या फिर उनके कॉन्टेक्ट हैं।
सवाल- क्या आप इस बात से सहमत हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए?
इस सवाल का जवाब ग्रेजुएट हो चुके और रेडियो जॉकी के रूप में काम कर रहे अशीष मिश्रा देते हुए कहते हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश (UT), राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को केंद्र के साथ-साथ राज्य का भी लाभ मिलता है। इसके अलावा दिल्ली एक राज्य के रूप में पूर्ण रूप से योग्य भी नहीं है। हालांकि इस सवाल पर हिंदी पत्रकारिया के तीसरे वर्ष के छात्र आयुष गर्ग की राय अलग है। उनका मानना है कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य घोषित किया गया तो राज्य सरकार दिल्ली पुलिस जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं पर नियंत्रण कर सकती है। गर्ग ने यह भी कहा कि राज्य सरकार, सरकार के कामकाज को सुचारू बनाएगी।
सवाल- पिछले पांच सालों में आपने दिल्ली में क्या बदलाव देखें हैं?
बीकॉम में दूसरे वर्ष की छात्रा उर्वशी दुबे इस सवाल पर कहती हैं, अरविंद केजरीवाल का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान बहुत अधिक रहा है। इसके अलावा उन्होंने 30-40 तरह की सेवाओं की डिलीवरी सीधे घरों तक कराई है। इसमें से एक केवाईसी भी है। आप सरकार ने इसके अलावा फ्री पानी की सप्लाई और सस्ती दरों पर बिजली मुहैया कराई है। मोहल्ला क्लिनिक की शुरुतात कर सरकार का यह कदम हेल्थ सेक्टर में एक बड़ा कदम साबित हुआ है।
सवाल- दिल्ली में वाहनों के लिए सम-विषम नियमों पर आपकी राय क्या है?
इसका सवाल का जवाब देते हुए एक इवेंट कंपनी में इंटर्न कर रही तान्या दुबे कहते हैं, ‘हालांकि सम-विषय नियम ने हमें असुविधा दी। मगर यह एक अच्छी पहल थी। जरुरी है कि शहर में प्रदुषण के स्तर को निचले स्तर पर लाना चाहिए।’
सवाल- क्या नोटबंदी आपके और आपके परिवार के लिए असुविधानजक रही?
बीबीए में दूसरे वर्ष के छात्र राहुल बोहरा कहते हैं, ‘आठ नवंबर, 2016 को रात के वक्त जब नोटबंदी की घोषणा की गई तब में डिनर खरीदने के लिए बाजार में था। तब दुकानदार ने 500 और 1000 का नोट लेने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि मोदी जी ने बड़े नोट बंद कर दिए। तब एटीएम से पैसे निकालने के लिए हमें लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा। सरकार द्वारा नोटबंदी का मकसद था ब्लैक मनी को भारत वापस लाना मगर मुझे नहीं लगता सरकार के इस कदम से ऐसा हुआ है।’

