Lok Sabha Elections 2019: पश्चिम बंगाल में कम राजनीतिक जन आधार होने के बाद भी शिवसेना ने 15 लोकसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। पार्टी के इस कदम को व्यापक रूप से राज्य में हिंदू वोट खींचने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा नीत एनडीए गठबंधन में शामिल शिवसेना ने बीते गुरुवार को राज्य में 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की और दावा किया कि भगवा पार्टी अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का एक विस्तारित हिस्सा है। चूंकि टीएमसी के सारे दागी नेता भाजपा में शामिल हो गए। शिवसेना पहली बार बंगाल में लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है। गुरुवार को पार्टी राज्य महासचिव अशोक सरकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमने बंगाल में पार्टी उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। चार दिन के अंदर सभी 15 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। भाजपा नेतृत्व बंगाल में कभी टीएमसी को टक्कर नहीं दे सकता। यह वजह है कि शिवसेना मैदान में उतरी है।’

[bc_video video_id=”6019959300001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]

गौरतलब है कि सहयोगी गठबंधन पार्टी के चुनाव मैदान में उतरने से यहां भाजपा को खासा नुकसान हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल कॉलम में छपी एक खबर के मुताबिक शिवसेना उन सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतार रही है, जैसे पुरुलिया, जहां भाजपा की बढ़त रही है। इसके अलावा पार्टी ने 4000 ऐसे लोगों को शिवसेना में शामिल किया है जो पूर्व में पूराने भाजपा कार्यकर्ता रहे हैं। कहा जा रहा है कि पिछले कुछ सालों में पार्टी के नए नेतृत्व ने इन लोगों की अनदेखी की। शिवसेना के राज्य महासचिव अशोक सरकार ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य पश्चिम बंगाल में हिंदुत्व के एजेंडे को आगे ले जाना है। इस प्रकार, हम यहां बीजेपी, टीएमसी, सीपीआईएम और कांग्रेस के खिलाफ लड़ेंगे।

Read here the latest Lok Sabha Election 2019 News, Live coverage and full election schedule for India General Election 2019