Lok Sabha Elections 2019: धार्मिक गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि संघ और इसके लोग वेदों में विश्वास नहीं करते हैं, और जो वेदों पर विश्वास नहीं करता वो हिंदू नहीं हो सकता है। टीवी-9 को दिए साक्षात्कार में धार्मिक गुरु ने कहा, ‘संघ का एक ग्रन्थ है विचार नवनीत, जो गुरु गोवलकर द्वारा लिखा गया है। इसमें उन्होंने बताया है कि हिंदुओं की एकता का आधार वेद नहीं हो सकता। इसलिए वेद को अगर हम हिंदुओं की एकता का आधार मानेंगे तो जैन और बोद्ध हमसे कट जाएंगे। वो भी हिंदू हैं।’

शंकराचार्य ने आगे कहा, ‘जो वेदों के धर्म-अधर्म पर विश्वास करता है वो हिंदू है। वेद शास्त्रों में विधिशेष है और जो वेद शास्त्रों को मानता है उसे आस्तिक माना जाता है, और जो आस्तिक होता है वही हिंदू होता है।’ गौरतलब है कि शंकराचार्य भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर भी तंज कस चुके हैं। पूर्व में एक बयान देते हुए उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर साध्वी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर वो साध्वी होती तो अपने नाम के पीछे ठाकुर क्यों लिखतीं।

शंकराचार्य के मुताबिक साधू-साध्वी होने का मतलब है ऐसे व्यक्ति की सामाजिक मृत्यु हो जाना। साधू-संत को समाज से कोई मतलब नहीं होता, वो पारिवारिक जीवन में नहीं होते। प्रज्ञा ठाकुर के साथ ऐसा नहीं है। उनके साथ सारी चीजें जुड़ी हुई हैं। इसलिए वो साध्वी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा को अपनी बात कहते समय भाषा पर संयम रखना चाहिए।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण में 12 मई को भोपाल में मतदान होना है। यहां प्रज्ञा के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह मैदान में हैं। ऐसे में संघ पर दिए शंकराचार्य के बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है। खास बात यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह शंकराचार्य के शिष्य हैं जो उनके काफी करीबी माने जाते हैं।