Lok Sabha Elections 2019: चुनावी रणनीतिकार और जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने 28 मार्च को पार्टी से जुड़ा ट्वीट किया तो राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हुईं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। प्रशांत किशोर ने ट्वीट में इशारा दिया था कि वो लोकसभा चुनाव में पार्टी की प्रचार टीम का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने ट्वीट किया, बिहार में NDA माननीय मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। JDU की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरीय एवं अनुभवी नेता श्री RCP सिंह जी के मजबूत कंधों पर है। मेरे राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है।’

हालांकि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार (1 मार्च, 2019) को एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में पार्टी में आंतरिक दरार को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार कुछ मुद्दे राजनीति में सामने आ जाते हैं। मगर साफ कर दिया प्रशांत किशोर को पार्टी में साइडलाइन नहीं किया गया। पार्टी प्रचारक में भी शुरू से उनका नाम है। मगर पार्टी में प्रशांत के दूसरे सबसे बड़े नेता के सवाल पर नीतीश ने साफ किया वो उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी को नंबर दो- नंबर तीन कहना बस एक विश्लेषण है। प्रशांत किशोर की इज्जत है। पार्टी में उनकी इज्जत का भाव है। उनके मन में कोई भ्रम हो तो एक अलग विषय है। प्रशांत किशोर के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। मुझे उनपर पूरा विश्वास और भरोसा भी है। उन्हें भी मेरे प्रति स्नेह का भाव है। इसमें कोई शक नहीं है। मगर राजनीति में कई बार कई तरह की बाते होती रहती हैं।’

जानना चाहिए कि पिछले साल प्रशांत किशोर जब जेडीयू में शामिल हुए तो नीतीश कुमार के बाद उन्हें पार्टी में नंबर दो के नेता के रूप में देखा गया। लेकिन पार्टी की प्रचार टीम में खुद के शामिल नहीं होने पर उन्होंने सबको चौंका दिया। प्रशांत किशोर वही हैं जिन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में तब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पक्ष में खूब हवा बनाई।