राष्ट्रीय राजधानी की दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट ऐतिहासिक रूप से भाजपा का किला रहा है। वर्ष 1967 के बाद से 2019 तक यहां पर 13 बार लोकसभा चुनाव हुए, जिनमें से सात बार भाजपा उम्मीदवार विजयी रहे जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी को सिर्फ चार बार जीत नसीब हुई। इस सीट पर पहले से ही भाजपा का वर्चस्व रहा है।

पिछले लोकसभा चुनाव में करीब 57 फीसद मत यहां भाजपा को मिले थे। अगर पिछले चुनाव के मत फीसद के हिसाब से देखें तो आप-कांग्रेस दोनों के मत मिलाकर भी भाजपा को नहीं पछाड़ पाए थे। पिछले दो बार से यहां भाजपा के उम्मीदवार के रूप में रमेश बिधूड़ी चुनाव जीत रहे हैं। हालांकि, इस बार भाजपा ने रमेश बिधूड़ी का टिकट काट दिया गया है। गुर्जर समाज के प्रभाव वाली इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के गठबंधन दोनों ने ही गुर्जर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने जहां दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस-आप गठबंधन ने तुगलकाबाद विधायक सही राम को उम्मीदवार बनाया है।

वर्ष 2019 चुनाव के परिणाम : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने रमेश बिधूड़ी, आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा और कांग्रेस ने मुक्केबाज विजेंदर सिंह को उम्मीदवार बनाया था। चुनाव गुर्जर समुदाय से आने वाले रमेश बिधूड़ी ने जीता था। बिधूड़ी ने आप के राघव चड्ढा को तीन लाख से अधिक मतों से हराया था। बिधूड़ी को 6 लाख 85 हजार से अधिक मत मिले थे तो राघव चड्ढा को तीन लाख 19 हजार से मत मिले थे।

ये प्रमुख नेताओं की सीट रही है : ये लोकसभा सीट 1967 अस्तित्व में आई। इस सीट पर हुए पहले चुनाव में भारतीय जनसंघ को जीत मिली थी। अगला चुनाव 1971 में हुआ और कांग्रेस के शशि भूषण ने जीत हासिल की। ये प्रमुख नेताओं की सीट रही है। यहां से मदन लाल खुराना, सुषमा स्वराज और विजय कुमार मल्होत्रा जैसे दिग्गज चुनाव जीत लड़ चुके हैं। विजय कुमार मल्होत्रा यहां से तीन बार (1977, 1999 व 2004) और सुषमा स्वराज दो बार (1996 व 1998) जीतकर लोकसभा पहुंचीं।

22 लाख से अधिक हैं मतदाता : दक्षिणी दिल्ली सीट पर कुल 22 लाख 21 हजार 445 मतदाता हैं। इस लोकसभा में कुल 54 गांव हैं। इनमें से 22 गावों में गुर्जर समाज का प्रभुत्व है। इन गांवों में करीब साढ़े चार लाख गुर्जर हैं। इनमें मुख्य रूप से तुगलकाबाद, बदरपुर, छतरपुर, भाटी कलां, आली, मदनपुर, फतेहपुर बेरी, असोला, सतबड़ी और चंदन होला शामिल हैं। इस सीट पर गुर्जर के बाद करीब 17 गांव जाट समाज के प्रभुत्व वाले हैं। इनमें मुख्य रूप से देवली, वसंत कुंज, नेब सराय, बिजवासन और संगम विहार के कुछ हिस्से हैं। जाटों की आबादी करीब ढाई लाख है। 2019 में कुल मतदान 58.73 फीसद था।

प्रमुख मुद्दे

दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में पीने का पानी, स्थानीय सड़कें, यातायात, गंदे पानी की निकासी, शिक्षा और स्वास्थ्य, अपराध, अवैध कब्जा, कच्ची कालोनियां आदि शामिल हैं। इस सीट की पर 85 फीसद से अधिक हिंदू मतदाता हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर लगभग 9.1 फीसद के साथ मुसलिम मतदाता हैं। तीसरे नंबर पर 2.4 फीसद आबादी के साथ सिख हैं। इसके अलावा यहां जैन 0.4 फीसद और बौद्ध 0.14 फीसद हैं। यहां पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 15.39 फीसद है।

रामवीर सिंह बिधूड़ी, भाजपा

दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा ने इस बार रामवीर सिंह बिधूड़ी पर भरोसा जताया है। वे दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। वे चार बार के विधायक हैं। बिधूड़ी अभी बदरपुर से विधायक हैं। शायद यही वजह है कि रामवीर सिंह बिधूड़ी को भाजपा ने टिकट दिया है।

सही राम, आप

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन है। गठबंधन के लिहाज से दक्षिणी दिल्ली सीट आम आदमी पार्टी के खाते में है। आप ने यहां तुगलकाबाद के विधायक सही राम को अपना उम्मीदवार बनाया है। वे तुगलकाबाद से दूसरी बार विधायक हैं। वे दो बार पार्षद भी रह चुके हैं। 2015 से पहले सही राम बहुजन समाज पार्टी में थे।

दस विधानसभा सीट आती हैं इस लोकसभा में : दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की दस सीटें आती हैं। इसमें बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, आंबेडकर नगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद और बदरपुर शामिल हैं। दक्षिणी दिल्ली की दस विधानसभा सीटों में से नौ सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है। वहीं, एक सीट भाजपा के पास है। पिछले विधानसभा चुनाव में आप को यहां 54 फीसद से ज्यादा मत मिले थे।