Lok Sabha Election: मेरठ लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल इस वक्त चर्चा के केंद्र में हैं। अरुण गोविल मेरठ में जहां भी जाते हैं, हर उम्र के पुरुष, महिलाएं और बच्चे उनके पैर छूने के लिए उमड़ पड़ते हैं। इसी को लेकर युवतियों के एक समूह से जब पूछा गया कि वो ऐसा क्यों कर रही हैं तो उन्होंने कहा, ‘रावण के ससुराल राम आए हैं’। क्योंकि रावण की पत्नी मंदोदरी मेरठ से जानी जाती हैं।

वहीं अरुण गोविल का कहना है कि वह वो मेरठ की जनता के प्यार से अभिभूत हैं। गोविल का कहना है कि भगवान राम कण-कण में हैं। लेकिन हां, यहां एक शख्स आए हैं जिनका नाम अरुण गोविल है और जिन्होंने रामायण में भगवान राम का किरदार निभाया था। लोग मेरे पैर नहीं छूते बल्कि, भगवान राम के प्रति अपनी आस्था को प्रणाम करते हैं। वो उनकी आस्था है राम में जिसकी प्रति वो नमन करते हैं, अब उनको स्वरूप मिल गया है अरुण गोविल नाम का।

गोविल के आने से मेरठ हाईप्रोफाइल सीट बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मार्च को मेरठ में एक बड़ी रैली के साथ अपने उत्तर प्रदेश अभियान की शुरुआत करते हुए उनके लिए प्रचार करेंगे।

इससे पहले मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मेरठ की पहचान अब अरुण गोविल से होगी और बताया कि कैसे 1987-88 की टीवी सीरीज में रामायण में भगवान राम का उनका चित्रण आज भी लोकप्रिय है।

‘मैं राजनीति नहीं जानता, राजनीति नहीं करूंगा’

न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में गोविल ने कहा कि आप इसे तथाकथित राजनीतिक प्रवेश कह सकते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि राजनीति मुझसे होती नहीं और ना में करूंगा। मैंने बस यही सोचा कि मुझे लोगों के लिए कुछ करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि मुझे मेरठ की सीट मिल गई और मेरठ से बेहतर कोई जगह नहीं है और इस धरती का प्यार मुझे वापस ले आया है। गोविल ने कहा कि मेरे पास जो प्यार और सहानुभूति है, उसके साथ मैं सब कुछ करूंगा और अधिक विकास के लिए सेवा (कार्य) करूंगा।”

अरुण गोविल ने कहा कि उनका जन्म मेरठ में हुआ था और अपने जीवन के पहले 17 साल वे यहीं रहे। उन्होंने कहा कि मैंने मेरठ के सरस्वती शिशु मंदिर और राजकीय इंटर कॉलेज में पढ़ाई की। हर साल एक छात्र की हत्या हो जाती थी और मेरा कॉलेज एक महीने के लिए बंद रहता था। लेकिन अब मेरठ में विकास देखिए। यह मेरी घर वापसी है।

गोविल ने कहा कि मैं आज मेरठ को पहचान भी नहीं पा रहा हूं, यह एक मेगा सिटी बन गया है। उन्होंने अभी तक उस क्षेत्र का दौरा नहीं किया है जहां उनका जन्म हुआ था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह जगह भी बदल गई है।

मेरठ से बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग उन्हें एक बाहरी व्यक्ति करार दिया है, जो मेरठ के बारे में कुछ नहीं जानते हैं और कहते हैं कि अगर वह चुने गए तो वह चले जाएंगे और सीट के लिए काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं मेरठ को समय क्यों नहीं दूंगा? मैं काम के लिए और अपना करियर बनाने के लिए 17 साल की उम्र में निकल गया था। अब मैं वापस आ गया हूं। मैं हमेशा सोच-विचार कर एक विजन और आदर्श के साथ काम करता हूं। मैं आवेग में आकर कोई काम नहीं करता और अपना मन बदल लेता हूं या उसके बारे में भूल नहीं जाता। मेरे पास बौद्धिक ईमानदारी और सिद्धांत हैं। जीवन तो एक सफर ही है।