प्रदीप वत्स
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव में गठबंधन के खेवनहार अभी तक राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) मुखिया अजित सिंह व उनके बेटे जयंत चौधरी ही बने हुए हैं। सपा के अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी तक एक भी सभा नहीं की है जबकि भाजपा की और से लगातार धुआंधार प्रचार चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मार्च को मेरठ में विजय संकल्प रैली कर चुके हैं। जबकी शुक्रवार को वह सहारनपुर में भी रैली को संबोधित करेंगे। इसी तरह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोके हुए है। भाजपा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अभी तक तीन तीन सभाओं को संबोधित कर चुके हैं।
गठबंधन की पहली संयुक्त रैली सात अप्रैल को देवबंद में होगी। इसमें अखिलेश यादव, मायावती व चौधरी अजित सिंह मौजूद होंगे। जबकि आठ अप्रैल को बागपत के बलोनी में अखिलेश यादव जयंत चौधरी के साथ चुनावी सभा करेंगे। उसी दिन मायवती मेरठ में एक सभा को संबोधित करेंगी। इसमें उनके साथ चौधरी अजित सिंह या जयंत चौधरी मौजूद होंगे। पहले चरण में होने वाले मतदान का चुनाव प्रचार नौ अप्रैल को शाम पांच बजे खत्म हो जाएगा।
गठबंधन के तहत सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ व गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर बसपा उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि कैराना व गाजियाबाद सीट पर सपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। वही बागपत में जयंत चौधरी व मुजफ्फरनगर में चौधरी अजित सिंह भाजपा उम्मीदवारों से मुकाबले में है। उधर कांग्रेस ने बागपत व मुजफ्फरनगर से अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं जबकि बाकी छह सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार होने से चुनाव त्रिकोणिय बना हुआ है।
अस्सी साल की उम्र पार कर चुके अजित सिंह मुजफ्फरनगर व बागपत में रोजाना तीन से चार सभाए कर रहे हैं। इसी के साथ सपा व बसपा के कार्यकर्ताओं के साथ रोजाना बैठक कर रहे हैं। उधर जयंत चौधरी अभी तक करीब 70 नुक्कड़ सभाए कर चुके हैं। जयंत चौधरी मेरठ में बसपा उम्मीदवार याकूब कुरैशी व गाजियाबाद में सपा उम्मीदवार सुनील बंसल के साथ ही कैराना में सपा की तबस्सुम के समर्थन में सभाए कर चुके हैं। गठबंधन के चलते इस बार चुनाव प्रचार एक अनोखा स्वरूप लिए हुए हैं। मेरठ लोकसभा सीट पर भूमिया के पुल पर स्थित बसपा उम्मीदवार के कैंप कार्यालय में अजीब नजारा देखने को मिला। जहां बसपा के नीले झंडे सहित ही सपा के लाल झंडा व रालोद का हरा झंडा देखने को मिला। कार्यालय के भीतर कंप्यूटर से निकाली गई मायावती व अखिलेश यादव के साथ ही अजित सिंह की फोटो लगी थी। कैंप कार्यालय पर जो टैंट लगा हुआ था वह भी इन तीनों रंगों से रंगा हुआ था।
बसपा के मीडिया प्रमुख एस आलम ने बताया कि पार्टी के दिशानिर्देश के मुताबिक प्रचार के दौरान वाहनों पर लाल टोपी लगो सपा के दो कार्यकर्ता, दो कार्यकर्ता बसपा के अपनी नीली टोपी के साथ ही दो कार्यकर्ता रालोद के हरा अंगोछा पहने नजर आएंगे। उनके मुताबिक प्रचार के बाद रोजाना रात को एक बैठक होगी जिसमें तीनों दलो के नेता आगे की रणनीति तय करेंगे। उन्होंने बताया इसका मकसद यह संदेश देना भी है कि हम साथ साथ है।
कुछ कार्यकर्ताओं ने सपा का चुनाव चिह्न साइकिल का पहला अक्षर सा और हाथी का का अंतिम अक्षर थी मिलाकर साथी का नारा दिया है। उन्होंने बताया की यह गठबंधन की एक जुटता का ही नतीजा है कि जहां सपा उम्मीदवार है वहां संयोजक बसपा नेता को बनाया गया है। उसी के साथ वाट्सएप के जरिए भी चुनाव प्रचार किया जा रहा है। सपा नेता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि स्थानीय नेताओं को निर्देश दिए गए है कि हर सभा में एक राष्ट्रीय मुद्दे के साथ ही स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की जाए। इसी के साथ हर सभा की शुरुआत भारत माता की जय, जय समाजवाद व चौधरी चरण सिंह अमर रहे के साथ की जाए।