कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की। जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दिग्गज नेता शशि थरूर के नाम शामिल हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम आज 39 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर रहे हैं। लिस्ट के सामने आने के बाद सबसे पहला सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ने राहुल गांधी के लिए वायनाड सीट को ही क्यों चुना, पिछले तीन चुनावों के परिणाम में इसका जवाब छिपा है।

इस सूची में 15 लोग सामान्य वर्ग से और 24 लोग SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग से है। राहुल गांधी केरल के वायनाड से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, भूपेश बघेल राजनांदगांव और तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर चुनावी मैदान में उतरेंगे। वहीं, सीपीआई (एम) ने वरिष्ठ नेता एनी राजा को वायनाड लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

वायनाड सीट से चुनाव में उतरेंगे राहुल

राहुल गांधी एक बार फिर केरल की सुरक्षित वायनाड सीट से चुनाव में उतरेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से उतरे राहुल गांधी ने यहां रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। हालांकि, पहले राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव नहीं लड़ने की खबरें भी आई थीं। केरल से चुनाव लड़ने में कांग्रेस या राहुल गांधी को क्या फायदा है? 2019 में इस निर्वाचन क्षेत्र ने कांग्रेस नेता को अपना चेहरा बचाने में मदद की थी क्योंकि वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ अमेठी से भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए थे। वहीं, उनकी उम्मीदवारी ने केरल में भी पार्टी की जीत में मदद की थी।

वायनाड सीट का समीकरण

केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं जिनमें वायनाड भी एक सीट है। वायनाड लोकसभा सीट केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक तीनों प्रांतों को जोड़ने वाला इलाका है और तीनों ही प्रांत कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्र में आते हैं। 2014 और 2009 के लोकसभा चुनावों में, वायनाड सीट दिवंगत कांग्रेस नेता एम आई शनावास ने जीती थी। 2014 के चुनावों में दोनों पार्टियों के बीच पिछले तीन चुनावों की तुलना में सबसे करीबी मुकाबला देखने को मिला। 2009 में शनावास 1.53 लाख वोटों से जीते थे।

वायनाड सीट उत्तरी केरल के दो जिलों और सात विधानसभा क्षेत्र में बना है। वायनाड संसदीय सीट पर एससी मतदाता लगभग 96,172 ( 7.1% ) हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां एसटी मतदाता लगभग 123,263 (लगभग 9.1%) हैं। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 559,422 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 41.3% है। वायनाड सीट पर ईसाई मतदाताओं की संख्या लगभग 185,571 है (लगभग 13.7%) है। वायनाड संसदीय सीट पर हिंदू मतदाताओं की संख्या लगभग 609,540 है जो लगभग 45% है। अल्पसंख्यक वोटरों के कारण ही वायनाड सीट राहुल गांधी के लिए सुरक्षित मानी जाती है।

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम

वायनाड कांग्रेस की एक सुरक्षित सीट रही है। पार्टी ने इसे पिछले तीन बार बड़े अंतर से जीता है। यही कारण है कि पार्टी ने इसे राहुल के लिए चुना। राहुल गांधी भी 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड सीट से जीत गए थे। उन्होंने इस सीट से सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4,31,770 वोटों के अंतर से पराजित किया था। उन्हें कुल 64.8 फीसदी वोट मिले थे। राहुल को 7.06 लाख वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के पीपी सुनीर को कुल 2.74 लाख वोट मिले थे।

2014 में कांग्रेस को मिली सफलता

2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने एमआई शानवास को टिकट दिया और उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार पीआर सत्यन मुकरी को 20 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। शानवास को कुल 3.77 लाख वोट मिले थे जबकि सत्यन मुकेरी को 3.56 लाख वोट मिले थे।

2009 में शानवास ने 1.5 लाख के मार्जिन से जीता चुनाव

लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस के एमआई शानवास ने 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार एम रहमतुल्ला को हराया था। शानवास को 4.10 लाख वोट मिले थे जबकि एम. रहमतुल्ला को 2.57 लाख वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 1.53 लाख वोटों का रहा था।