Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य के लिए बनाए गए विशेष पर्यवेक्षक को हटाने की मांग की है। टीएमसी का आरोप है कि विशेष पर्यवेक्षक अजय वी नायक ने पश्चिम बंगाल की स्थिति की तुलना 10 साल पहले बिहार से करते हुए कहा था कि बंगाल में लोकतंत्र में सब कुछ ठीक नहीं है। बता दें कि राज्य में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है।

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क्या था अजय नायक का बयान: बता दें कि कोलकाता में मुख्य निर्वाचन कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए बिहार कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी अजय वी नायक ने कहा था, “पश्चिम बंगाल में स्थिति ऐसी है जैसी लगभग 10 से 15 साल पहले बिहार की थी। उस समय बिहार में बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की आवश्यकता थी। अब यह पश्चिम बंगाल में भी आवश्यक है क्योंकि पश्चिम बंगाल के लोगों ने राज्य पुलिस पर विश्वास खो दिया है।” बता दें कि नायक को हाल ही में राज्य में अंतिम पांच चरणों के मतदान के लिए बंगाल भेजा गया था। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आफताब की मौजूदगी में बोलते हुए नायक ने आगे कहा, “बिहार में लोग बदलाव चाहते थे और अब राज्य में केंद्रीय बलों की केवल 20 प्रतिशत तैनाती की आवश्यकता है तो पश्चिम बंगाल में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है?”

 

टीएमसी का आरोप: चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में टीएमसी ने नायक पर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया। पत्र के जरिए  नायक को वापस बुलाने की मांग करते हुए टीएमसी ने कहा कि संवैधानिक संस्था होने के नाते आयोग को पर्यवेक्षक नायक द्वारा किए गए इस तरह के पक्षपातपूर्ण बयानों का पक्ष नहीं लेना होना चाहिए और उन्हें राजनीतिक बयानबाजी करने पर रोक लगाना चाहिए।

गौरतलब है कि इस दौरान चुनाव आयोग ने शनिवार को मालदा के पुलिस अधीक्षक अर्नब घोष का तबादला कर उनकी जगह राज्य सशस्त्र पुलिस की दूसरी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर, अजॉय प्रसाद को तैनात किया गया।

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