Lok Sabha Election 2019: चुनाव आयोग की तरफ से भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा की घटना के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की समय में कटौती का तृणमूल कांग्रेस के साथ पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है। सपा, बसपा, टीडीपी समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया है। इस तरह ममता भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई को दिल्ली पहुंचा चुकी हैं।

बहुजन समाज पार्टी की मायावती, टीडीपी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य क्षेत्रीय दलों के दिग्गज नेताओं चुनाव आयोग के निर्णय की आलोचना की है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला चुनाव आयोग के इस निर्णय को लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताया।

पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसा के बाद बसपा प्रमुख मायावती सबसे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन में आगे आईं।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन आज रात 10 बजे से क्योंकि प्रधानमंत्री की आज रैली है। जब उन्हें प्रतिबंध लगाना था तो आज सुबह से क्यों नहीं लगाया? यह पूरी तरह से अनुचित है और चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है।’

मायावती ने आगे कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी, अमित शाह और भाजपा के नेता ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं। यह सुनियोजित रूप से निशाना बनाया जा रहा है।’

चंद्र बाबू नायडू ने भी ममता का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, ‘पश्चिम बंगाल में भाजपा और अमित शाह की शिकायत के बाद चुनाव आयोग की तरफ से कार्रवाई काफी परेशान करने वाली है जबकि टीएमसी की शिकायत को आराम से नजरअंदाज किया जा रहा है।’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि निर्वाचन आयोग का पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार बंद करने संबंधी निर्णय निष्पक्ष लोकतांत्रिक नियमों के विरुद्ध है। वाम दल के सीताराम येचुरी ने भी चुनाव आयोग के इस निर्णय पर सवाल खड़े किए। वहीं ममता बनर्जी ने विपक्ष के इस समर्थन के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस व अन्य दलों का आभार व्यक्त किया।