Lok Sabha Election 2019: बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में शुमार कानपुर में अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस पार्टी से पूर्व केंद्रीय मंत्री कोयला मंत्री और तीन बार के सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी को और सपा ने रामकुमार निषाद को प्रत्याशी घोषित किया है। सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद सपा पहली बार लड़ाई में उभर कर सामने आई है।

मैनचेस्टर ऑफ यूपी के नाम से मशहूर कानपुर अब अपनी यह पहचान खो चुका है। 1989 लोकसभा चुनाव के बाद से कानपुर के उद्योगों को ग्रहण लग गया। सन 1991 से कानपुर की लोकसभा सीट या तो कांग्रेस के पास रही या फिर बीजेपी के पास। सभी राजनैतिक दलों ने कानपुर के उद्योग धंधों पर जमकर राजनीति की। किसी भी पार्टी के सांसद ने उद्योग धंधों पर ईमानदारी से काम नहीं किया। इसका नतीजा यह निकला कि उद्योग पूरी तरह से चरमरा गया। कानपुर की सभी मिलें बंद हो गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से यह मुद्दे उभर कर सामने आने लगे हैं। सभी राजनैतिक दल कानपुर की खोई हुई पहचान वापस दिलाने के दावे करने लगे हैं।

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कानपुर ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र है बीते 29 वर्षों से कानपुर में सामान्य जाति के नेता ही सांसद बन रहे हैं। श्रीप्रकाश जायसवाल वैश्य समाज से आते हैं। वहीं बीजेपी के सत्यदेव पचौरी ब्राहमण हैं। लेकिन सपा ने इस चुनाव में ओबीसी कार्ड खेला है। दरसल सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद कानपुर लोकसभा सीट सपा के खाते में गई थी। कांग्रेस पार्टी के श्रीप्रकाश जायसवाल 1999 से लेकर 2014 तक लगातार सांसद रह चुके हैं।

दूसरी तरफ संघ के करीबी रहे सत्यदेव पचौरी को बीजेपी ने मुरली मनोहर जोशी को मैदान में उतारा है। जोशी ने अपना टिकट कटने के बाद पचौरी को कैंडिडेट घोषित करने की जिद कर दी। फिलहाल वे गोविंद नगर से विधायक हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें 2004 के लोकसभा चुनाव में कानपुर से कैंडिडेट बनाया था। लेकिन वो कांग्रेस श्रीप्रकाश जायसवाल से लगभग 5638 वोटों से हार गए थे।

कानपुर में बड़ी संख्या में ओबीसी, अनुसूचित जाति और मुस्लिम वोटर हैं। सपा अब इन्हीं में सेंध लगाना चाहती है। रामकुमार निषाद मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के खास हैं। उन्नाव की सदर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। रामकुमार निषाद के पिता मनोहर लाल 1977 में कानपुर लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं।

 

कानपुर लोकसभा सीट में 15,97,591 वोटर हैं, जिनमे पुरुष वोटरों की संख्या 8,74,299 है। वहीं महिला वोटरों की संख्या 7,23,147 है वहीं थर्ड जेंडर की संख्या 145 है। कानपुर लोकसभा क्षेत्र ब्राह्मण बहुल क्षेत्र है इस सीट में शहरी क्षेत्र की कानपुर पांच विधानसभाएं आती हैं, जिनमें सामान्य जाति के वोटरों की संख्या 5,16,594 ,ओबीसी वोटरों की संख्या 2,90,721, अल्पसंख्यक समुदाय के 4,07,182 और अनुसूचित जाति के 3,80,950 लोग हैं।

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