Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना शुरू कर दिया है। इस बीच कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटो में से 5 सीटो पर पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। बता दें कि इस बार कांग्रेस ने बीजेपी के सबसे मजबूत किले को घेरने के लिए पुराने सिपाहियों पर भरोसा जताया है। कानपुर से पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को फिर से मौका दिया है। जायसवाल लगातार तीन बार कानपुर से सांसद रह चुके है।

सिंधिया और प्रियंका पर है जिम्मा: बता दें कि कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटो में से 4 सीटें हमीरपुर,बांदा, झांसी, जालौन की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के पास जबकि 6 सीटें कानपुर, अकबरपुर, इटावा, कन्नौज,फर्रुखाबाद, मिश्रिख ज्योतिरादित्या सिंधिया के पास है। बता दें कि सिंधिया पश्चिमी प्रभारी यूपी के प्रभारी है जबकि प्रियंका पूर्वी यूपी की प्रभारी है।

कानपुर लोकसभा सीट: यहां से कांग्रेस उम्मीदवार श्रीप्रकाश जायसवाल लगातार 1999 से लेकर 2014 तक लगातार सांसद रहे है। यूपी सरकार में वो गृहराज्य मंत्री और फिर केंद्र सरकार में कोयला मंत्री भी रह चुके है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ मुरली मनोहर जोशी ने जायसवाल को 2,22,946 वोटो से हराया था। जोशी को 4,74,712 वोट मिले थे जबकि जायसवाल को 2,51,766 वोट हासिल हुए थे। हालांकि इस बार कांग्रेस का मानना है कि कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित है।

मिश्रिख लोकसभा सीट: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने मिश्रिख लोकसभा सीट से मंजरी राही को अपना उम्मीदवार बनाया है। मिश्रिख सीट वैसे तो बसपा की मजबूत सीट मानी जाती है। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच बीजेपी की अंजू बाला ने जीत हासिल की थी। अंजू बाला को 412575 वोट मिले थे तो वहीं बसपा के अशोक कुमार रावत दूसरे नंबर पर रहे थे, उन्हें 325212 वोट हासिल हुए थे।

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट: 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले खुर्शीद की फर्रुखाबाद में अच्छी पकड़ मानी जाती है। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में सलमान खुर्शीद को करारी शिकस्त मिली थी। उन्हें बीजेपी के मुकेश राजपूत ने करीब 3 लाख वोटो से हराया था। बता दें कि बीजेपी के मुकेश राजपूत को 406,195 वोट मिले थे, दूसरे नंबर पर सपा के रामेश्वर सिंह यादव को 255,693 वोट, तीसरे नंबर पर बसपा के जयवीर सिंह को 114,521 वोट हासिल हुए थे जबकि चौथे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार सलमान खुर्शीद को महज 95,543 वोट ही मिल सके थे।

अकबरपुर लोकसभा सीट: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अकबरपुर लोकसभा सीट से एक बार फिर से राजाराम पाल पर भरोसा जताया है। राजाराम पाल बसपा से 1996 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक और अकबरपुर से सांसद भी रह चुके है। बसपा छोड़ने के बाद राजाराम पाल ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी और 2009 में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। लेकिन 2014 के चुनाव में बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी। उस समय बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले को 481584 वोट मिले थे तो वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के अनिल शुक्ल को 202587 वोट मिले थे। सपा के लाल सिंह तोमर 147002 मतो के साथ तीसरे नंबर पर थे। जबकि कांग्रेस के राजाराम पाल चौथे नंबर पर रहे थे, उन्हें महज 96827 वोट ही मिल सके थे।

जालौन लोकसभा सीट: बसपा छोड़ कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले बृजलाल खाबरी ने बसपा में जिलाध्यक्ष से लेकर सांसद और राज्यसभा सदस्य तक का सफर तय किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव वो बीजेपी के भानू प्रताप सिंह वर्मा से लगभग साढ़े तीन लाख वोटो से हार गए थे। बीजेपी के भानू प्रताप वर्मा को 548631 वोट मिले थे। वही बीएसपी के बृजलाल खाबरी को 261429 वोट मिले थे।

गौरतलब है कि बीजेपी का सबसे मजबूत किला कानपुर-बुंदेलखंड को माना जाता है। बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटो में से 9 सीटो पर बीजेपी का कब्जा है। इसके अलावा यहां की 52 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा है। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने कानपुर में एक बड़ी रैली की थी। इसके पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी यहां का दौरा कर चुके है।