Lok Sabha Election 2019 अब चरम पर है। कुछ लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिनकी चर्चा पूरे देश में है। सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में इस समय वाराणसी लोकसभा सीट भी शामिल है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट होने के कारण भारत के साथ-साथ कई अन्य देश भी इस शहर को लेकर लगातार अपडेट ले रहे हैं। प्रधानमंत्री के यहां से दोबारा लड़ने की संभावना भी है। अब अन्य विपक्षी दलों ने फूंक-फूंककर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है और रणनीति बनाई जा रही है।
ऐसे में हाल ही में कांग्रेस की महासचिव बनीं प्रियंका गांधी ने भी पूर्वांचल पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगाने वाली प्रियंका पर सभी की नजर है। प्रियंका सबसे पहले पूर्वांचल में अपने परंपरागत मतों के ध्रुवीकरण से विपक्ष पर करारा प्रहार करने की तैयारी में हैं। इसी कड़ी में प्रियंका गांधी एंड टीम ने कई खास प्लान बनाए हैं।
कांग्रेस से दूर हुए नेताओं की वापसी पर फोकसः कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका ने राष्ट्रीय स्तर के कुछ नेताओं की एक टीम तैयार की है और इनका कहीं न कहीं बनारस या यहां के आसपास के जिलों से ताल्लुक है। इन्हें ऐसे नेताओं या परिवारों को तलाशने के लिए कहा गया है जिन्होंने किसी न किसी कारण से कांग्रेस से किनारा कर लिया या अब दूसरे दलों में हैं। ऐसे बंद दरवाजों को खटखटाने के लिये प्रियंका ने पुरजोर रणनीति बनाई है। गौर करने वाली बात यह है कि वह इन परिवारों से सीधे संवाद करेंगी। उन्हें पार्टी में जोड़ने और पद सहित पूरा सम्मान का भी ऑफर दिया जा सकता है।
खास बात यह है कि सबसे पहले पुराने कांग्रेसी ब्राह्मण परिवारों को खंगाला जा रहा है। इसके लिए लगातार ऐसे ब्राह्मण परिवारों और नेताओं की सूची तैयार की जा रही है, जो किसी कारणवश कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों के साथ हो गये हैं। इन नेताओं, कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों को दिल्ली में बुलाने और प्रियंका गांधी से मिलने सहित पूरी व्यवस्था पर वरिष्ठ नेताओं को लगाया गया है। इनकी नाराजगी दूर करने के लिये हरसंभव प्रयास भी किये जाएंगे और हर कोशिश होगी कि उन्हें फिर पार्टी में ससम्मान वापस लाया जाए। प्रियंका का फोकस सिर्फ ब्राह्मण नहीं बल्कि हर वर्ग पर है। अपनी टीम को इन्होंने छात्रनेताओं, चिकित्सकों, उद्योगपतियों, नामी-गिरामी परिवारों, बुद्धिजीवियों, शिक्षकों सहित सभी वर्गों की सूची तैयार करने और मुलाकात की व्यवस्था करने के लिए कहा है।
कांग्रेसवाद का नारा बुलंद करने की कोशिशः इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा तरजीह दे रही है और इसका सबसे प्रमुख कारण पिछले चुनाव में उनका सबसे खराब प्रदर्शन है। प्रदेश की 80 सीटों में पार्टी को दो सीटें जीतकर ही संतोष करना पड़ा था और मोदी मैजिक की आंधी में कई कद्दावर नेता चुनाव हार गए थे। प्रियंका और राहुल का फोकस इस बार कांग्रेसवाद को बढ़ावा देने पर है। (वाराणसी से सोनी तिवारी की रिपोर्ट)
