Lok Sabha Election 2019: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की बात दोहराते हुए कहा है कि विपक्षी विचारधारा राष्ट्र विरोधी नहीं कही जा सकती। गुरुवार (11 अप्रैल, 2019) को उन्होंने साथ ही कहा कि हमें विभिन्न मतों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यही लोकतंत्र की असली और सच्ची पहचान है। बता दें कि गुजरात के गांधीनगर से टिकट काटे जाने के बाद दिग्गज नेता ने ब्लॉग लिख चुप्पी तोड़ी थी। आडवाणी ने उसमें बीजेपी के तौर-तरीकों और कार्यशैली को लेकर सवालिया निशान लगाए थे। साथ ही कहा था कि बीजेपी ने खुद से असहमति रखे वालों को कभी भी राष्ट्र विरोधी नहीं बताया।

ताजा मामले पर गडकरी एक चैनल से बोले, “जो हम से असहमत है, हम उसे राष्ट्र-विरोधी नहीं कहना चाहते। यह उस व्यक्ति का अपनी अभिव्यक्ति का अधिकार है। हमें इसमें कोई दिक्कत भी नहीं है, क्योंकि हम हमेशा से कहते आए हैं कि लोकतंत्र में विभिन्न प्रकार के मत होते हैं।” चुनावी माहौल के बीच गडकरी का यह बयान खासा अहम माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो एक तरफ पीएम विरोधियों और विपक्षियों को देश विरोधी का तमगा दे रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर गडकरी आडवाणी की भाषा दोहराकर इशारों-इशारों में उन्हें चुनौती दे रहे हैं।

गडकरी ने पिछले साल भी कुछ इसी तरह का बयान दिया था। नौकरशाहों के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “अगर मैं पार्टी अध्यक्ष हूं और मेरे विधायक व सांसद सही काम नहीं कर रहे हों, तब यह मेरी जिम्मेदारी है। मुझे तब उन्हें चीजों के बारे में बताना पड़ेगा।” हालांकि, गडकरी अक्सर मीडिया पर अपने बयानों को गलत तरीके से देखने के आरोप भी लगाते रहे हैं। आम चुनाव में वह महाराष्ट्र के नागपुर से मैदान में हैं। 2014 में वह मोदी लहर में अपना पहला चुनाव जीते थे, जबकि इस बार मुकाबला थोड़ा कांटे का माना जा रहा है। उनका सामना कांग्रेस के नाना पटोले से होगा, जो कि पहले बीजेपी में थे।

केंद्रीय मंत्री ने आगे अंग्रेजी चैनल को बताया- पिछले चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के खिलाफ वोटिंग हुई थी। बकौल गडकरी, “मेरे संसदीय क्षेत्र में लोग मेरे विकास कार्यों के लिए वोट दे रहे हैं।” आगे उन्होंने बताया, “यह लोगों के मन में है। खासकर मीडिया के धड़े में। कुछ बयानों को वह हिंदुत्व के तौर पर परोसते हैं…पर हम सांप्रदायिक रूप से कट्टर नहीं है। हम राष्ट्रीय पार्टी हैं। हमारे लिए देश के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा बेहद मायने रखती है। पर कुछ मौकों पर हम इस पर बात करते हैं, तो कुछ लोग उसका मतलब हिंदुत्व से जोड़ कर देखने लगते हैं। ऐसे में मामला राष्ट्रवादी और राष्ट्रविरोधी बहस का रूप ले लेता है। असल बात है कि लोग विकास कार्यों में अधिक रुचि लेते हैं, क्योंकि गरीबी और बेरोजगारी अभी भी बड़े मुद्दे हैं।”

Read here the latest Lok Sabha Election 2019 News, Live coverage and full election schedule for India General Election 2019