कांग्रेस के बाद अब बीजेपी का भी घोषणापत्र जारी हो चुका है। दोनों ने देश की तस्वीर बदलने का दावा करते हुए कई अहम बातों का जिक्र किया है। दोनों बड़े दलों ने जनता की राय लेकर सर्वसमावेशी घोषणापत्र बनाने का दावा किया है। किसान की दशा, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था दोनों ही दलों के घोषणापत्रों में अहम स्थान पर है। आइए प्रमुख मुद्दों पर तुलनात्मक दृष्टिकोण से एक नजर डालते हैं।
किसानः किसानों की खुदकुशी, कर्ज का बोझ और फसल का उचित मूल्य न मिल पाना लंबे समय से देश में बड़ा मुद्दा है। पिछले कुछ अरसे में कई बार किसानों का गुस्सा सड़कों पर भी दिख चुका है।
कांग्रेसः किसानों की कर्जमाफी के वादे से हाल ही तीन अहम राज्यों में सरकार बना चुकी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में भी किसानों के लिए कई वादे किए हैं।
– किसानों के लिए अलग से बजट होगा।
– कर्ज चुकाने में नाकाम किसानों पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा।
– मोदी सरकार की ‘फसल बीमा योजना’ को बदला जाएगा। हम इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश देंगे कि वो न लाभ और न हानि के सिद्धांत पर किसानों को बीमा मुहैया कराए।
बीजेपीः बीजेपी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने समेत कई वादे किए हैं। इनमें से कुछ नए हैं तो कुछ पुराने हैं।
– 2014 में आय दोगुनी करने का वादा किया था। हम वादे के मुताबिक 2022 तक करके दिखाएंगे।
– छोटे और वंचित किसानों के लिए 6 हजार रुपए सालाना मदद दी जाएगी। 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन दी जाएगी।
– कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
– ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड लोन की व्यवस्था होगी। इसके तहत 1 लाख रुपए तक का लोन एक से पांच साल तक के लिए दिया जाएगा।
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों का पंजीकरण स्वैच्छिक होगा।
– जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटल होगा।
बेरोजगारीः देश में जनसंख्या के अनुपात में रोजगार के अवसर कम होना लंबे समय से बड़ी समस्या रही है। हर सरकार इस संबंध में बड़े दावे करती है।
कांग्रेसः बीजेपी के हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के वादे पर कांग्रेस लंबे समय से हमलावर है। अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने रोजगार को लेकर ये प्लान बताया है।
– राज्य सरकारों से स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय निकायों में खाली 20 लाख पदों पर नियुक्ति के लिए कहा जाएगा।
– ग्राम पंचायतों और नगर निकायों में करीब 10 लाख लोगों को ‘सेवा मित्रों’ के पद पर नौकरी के लिए व्यवस्था करेंगे।
– मार्च 2020 से पहले केंद्र सरकार के अधीन खाली चार लाख पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
– सरकारी परीक्षा और सरकारी पदों पर भर्ती के लिए आवेदन शुल्क नहीं लगेगा।
– अगले तीन सालों तक नया बिजनेस शुरू करने के लिए नियमों में छूट दी जाएगी।
– मनरेगा के तहत जहां लोगों को 100 दिन रोजगार मिल गया, वहां बढ़ाकर 150 दिन तक किया जाएगा।
बीजेपीः मोदी सरकार ने रोजगार लगातार बढ़ाने का वादा किया है। पूर्वोत्तर पर खास फोकस की बात की कही गई है।
– अर्थव्यवस्था से जुड़े 22 बड़े सेक्टरों में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मदद देंगे।
– पूर्वोत्तर के राज्यों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई योजना लेकर आएंगे।
– प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में अब तक 17 करोड़ से ज्यादा लोगों को कर्ज दिया जा चुका है। 13 करोड़ और लोगों को इससे जोड़ने का लक्ष्य है।
– 20 हजार करोड़ के सीड स्टार्टअप फंड के जरिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करेंगे।
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अर्थव्यवस्थाः देश की कई बड़ी समस्याओं का हल अर्थव्यवस्था के सुधार में छिपा है। आर्थिक उदारीकरण से लेकर जीएसटी तक कई बड़े कदम उठाए गए हैं। आगे के लिए दोनों पार्टियों ने कई बड़े वादे किए हैं।
कांग्रेसः नोटबंदी और जीएसटी को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की आलोचना कर रही है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी कई बड़े ऐलान किए हैं।
– जीएसटी नियमों की समीक्षा कर असली और आसान फॉर्मेट वाला ‘जीएसटी 2.0’ लाया जाएगा।
– रीयल एस्टेट (सभी सेक्टर), पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, तंबाकू, शराब आदि को जीएसटी 2.0 के दायरे में लाया जाएगा।
– वित्त वर्ष 2020-21 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का तीन फीसदी किया जाएगा।
– पहले साल में डायरेक्ट टैक्स कोड का नियम लाएंगे।
– स्टार्टअप्स पर लगने वाले एंजेल टैक्स खत्म किए जाएंगे।
– 2019 से 2024 के बीच 10 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला जाएगा। 2030 तक भारत को गरीबी मुक्त कर दिया जाएगा।
बीजेपीः मोदी सरकार के कार्यकाल में कई बड़े आर्थिक फैसले लिए गए इनमें नोटबंदी, जीएसटी भी शामिल हैं। बीजेपी ने आगे के लिए ये वादे किए हैं।
– जीएसटी को और आसान बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श जारी रहेगा।
– 2030 तक हम भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे।
– 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर और 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाएंगे।
– 2047 तक आजादी की 100वीं वर्षगांठ से पहले भारत को विकसित देश बनाया जाएगा।
– टैक्स में छूट पर और तेजी से काम करेंगे।
– डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर प्रक्रिया से अब तक 1.10 लाख करोड़ रुपए बचाए जा चुके हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बड़े वादे
कांग्रेसः मॉब लिंचिंग की रोकथाम और महिलाओं पर खास फोकस किया गया है।
– निजी उच्च शिक्षण संस्थानों आरक्षण का कानून।
– शिक्षा के लिए जीडीपी का छह फीसदी बजट दिया जाएगा।
– राइट टू हेल्थकेयर एक्ट बनेगा जिसके तहत मुफ्त में जांच, दवाइयां और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
– 2023-24 तक स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को जीडीपी का तीन फीसदी कर दिया जाएगा।
– नेशनल मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 लागू किया जाएगा। नेशनल और स्टेट हाइवे पर ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी सेंटर्स बनवाएंगे।
– विधायिकाओं में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिए महिला आरक्षण बिल पास किया जाएगा।
– स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स में महिलाओं के लिए आवास, परिवहन की मुफ्त सुविधा रहेगी।
– प्रवासी महिला कामगारों के लिए नाइट शेल्टर बनेंगे।
– महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सुथरे शौचालय, स्कूल-कॉलेजों में सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीनें लगेंगी।
– आईपीसी से धारा 499 (मानहानि) और धारा 124 (राजद्रोह) को हटाया जाएगा। नागरिकता संशोधन बिल तुरंत वापस लिया जाएगा, मॉब लिंचिंग रोकने के लिए कानून बनेगा। अफस्पा में संशोधन किया जाएगा।

बीजेपीः शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई वादे किए गए हैं।
– सभी शिक्षण संस्थानों में सीटें बढ़ाएंगे।
– 2024 तक 200 नए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे।
– शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग खोला जाएगा।
– 75 नए मेडिकल कॉलेज और पोस्ट ग्रैजुएशन मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
– औसतन 1400 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध होगा।
– 2022 तक देश के हर गरीब को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
– आयुष्मान भारत योजना के तहत 2022 तक डेढ़ लाख हेल्थ-वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। यहां टेलिमेडिसिन और डायग्नोस्टिक लैब भी मिलेगी।
– महिलाओं के लिए संसद और विधानसभाओं में कम से कम 33 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।
– 2022 तक देशभर के रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा, छोटे-छोटे स्टेशन विकसित किए जाएंगे। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा किया जाएगा।
क्या है सबसे बड़ा ऐलान
कांग्रेसः गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह व्यवस्था ‘न्याय’ यानी न्यूनतम आय योजना के तहत की जाएगी। राहुल गांधी लंबे समय से अपने भाषणों में ‘मिनिमम इनकम गारंटी’ योजना की चर्चा कर सुर्खियों में हैं
बीजेपीः गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों की संख्या में कमी कर उसे पांच सालों में सिंगल डिजिट तक लाएंगे। बेघरों या कच्चे घरों में रहने वालों को 2022 तक पक्के घर दिए जाएंगे। सभी गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराएंगे। देश के सभी घरों में बिजली-पानी और शौचालय उपलब्ध कराया जाएगा।