Lok Sabha Election 2019:  चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद से टिकटों को लेकर हर पार्टी में उम्मीदवारी की होड़ काफी बढ़ गई है। टिकट चाह रहे बहुत सारे लोगों को लगता है कि आखिरी वक्त में पार्टी दफ्तर जाने और नेताओं से मुलाकात करने का फायदा शायद ही हो। हालांकि, सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने अलग रणनीति अपनाई है। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक, शाह बुधवार को दिल्ली स्थित मुख्यालय पर ही थे। पार्टी अध्यक्ष किसी भी कार्यकर्ता को दुख पहुंचाने के मूड में नहीं दिखे। उन्होंने तय किया कि टिकट की आस लेकर पहुंचे सभी उम्मीदवारों से वह मुलाकात करेंगे। पार्टी के संगठन महासचिव रामलाल के साथ शाह ने सभी उम्मीदवारों से ग्राउंड फ्लोर पर बने हॉल में मुलाकात की। टिकट की आस लगाए बैठे हर शख्स ने अपना बायाडेटा और संबंधित क्षेत्र में अपनी सियासी गतिविधियों की जानकारी अमित शाह को सौंपी।

बीजेपी ने इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा को अपना चुनावी मुद्दा बना दिया है। शायद यही वजह है कि पार्टी नेताओं के लिए सशस्त्र बलों से जुड़े कार्यक्रम अब बेहद अहम हो चले हैं इसलिए वे भी इनमें सजगता के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। पिछले हफ्ते पीएम मोदी सीआईएसएफ के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इससे पहले मोदी अपने कार्यकाल में कभी भी अर्धसैनिक बलों के मुख्य कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए हैं। बताया जा रहा है कि अब 19 मार्च को सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल भी शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि पाकिस्तान के बालाकोट को जैश के आतंकी शिविर पर वायुसेना की कार्रवाई और बाद में पाकिस्तान के साथ बढ़े टकराव को लेकर देश में सियासी माहौल बेहद गर्म है। विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि बीजेपी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करके सत्ता में दोबारा लौटने की कोशिश कर रही है। वहीं, बीजेपी भी विपक्षी पार्टियों की नीयत पर सवाल उठाते हुए उन्हें घेर रही है।