Lok Sabha Election 2019 चुनाव के लिए राजनीतिक दल पूरा जोर लगा रहे हैं। हर किसी की कोशिश ज्यादा से ज्यादा वोटों को अपने कब्जे में करने की है लेकिन पिछले तीन दशकों में ऐसे कई मौके आए जब ज्यादा वोट हासिल करने वाले दल भी सरकार नहीं बना पाए। उन्हें वोट तो ज्यादा मिले लेकिन सीटों की संख्या में वे बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाईं। ऐसे में ज्यादा वोट होने के बावजूद उन्हें सत्ता नहीं मिल पाई।वहीं कम वोट शेयर वाले दल सरकार बनाने में सफल रहे। हाल ही में हुआ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव भी इसका उदाहरण है। 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले 0.1 फीसदी वोट ज्यादा मिले थे, लेकिन जीत कांग्रेस को मिली। आइए एक नजर लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर डालते हैं।

साल 1989 के लोकसभा चुनाव में 39.5 प्रतिशत वोट प्राप्त करने वाली कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई थी जबकि 2014 में 31 प्रतिशत के वोट के साथ भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई। 1989, 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव इसके सबसे बड़े उदाहरण रहे जब ज्यादा वोट प्रतिशत हासिल करने वाली पार्टी सत्ता से बाहर रही।

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  • 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 39.53 प्रतिशत वोट मिले और वह 197 सीट जीतने के बावजूद सरकार नहीं बना पाई थी। तब 17.8% वोट हासिल करने वाले जनता दल के नेतृत्व में सरकार बनी थी।
  •  1996 में भी करीब आठ प्रतिशत वोट हासिल करने वाले जनता दल की अगुवाई में संयुक्त मोर्चे की सरकार बनी, जबकि 20 प्रतिशत वोट शेयर वाली भाजपा बहुमत नहीं जुटा पाई और अटल बिहारी वाजपेयी को 13 दिन में इस्तीफा देना पड़ा था।
  • 1998 के चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 25.59 रहा और उसने 182 सीटों के साथ गठबंधन सरकार बनाई। इस बार भी कांग्रेस को भाजपा से अधिक 26.14 प्रतिशत वोट मिले लेकिन वह सरकार नहीं बना पाई थी।
  • 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 23.75 था। उसे 182 सीटें मिलीं और उसने गठबंधन सरकार बनाई। इस चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से करीब साढे़ चार प्रतिशत अधिक वोट शेयर यानी 28.30 प्रतिशत वोट मिले लेकिन सीटें सिर्फ 114 ही मिल पाईं और वह सरकार नहीं बना पाई।

लोकसभा चुनाव परिणामों पर गौर करें तो 1951 में कांग्रेस ने 44.99 प्रतिशत वोट के आधार पर 489 सीटों में से 364 सीटें जीती थीं। 1957 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 47.78 प्रतिशत वोट के साथ 494 में से 371 सीटें जीतने में सफल रही। वहीं 1962 में कांग्रेस ने 44.72 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी के आधार पर 494 सीटों में से 361 सीटें जीती थी। 1967 में वह 40.78 प्रतिशत वोट प्राप्त कर 283 सीट जीतने में सफल रही।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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