Lok Sabha Election 2019: हरियाणा की पलवल पुलिस ने रविवार को बीजेपी के एक पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया था जिसमें वह कथित तौर पर मतदाताओं की वोटिंग प्राथमिकताओं को प्रभावित करते हुए नजर आता है। मामला फरीदाबाद जिले के एक पोलिंग बूथ से जुड़ा हुआ है। जांच के बाद चुनाव आयोग ने इस पोलिंग बूथ पर दोबारा से 19 मई को मतदान कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा, पोलिंग स्टेशन के प्रिसाइडिंग ऑफिसर को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, घटना फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले असोता गांव में हुई। यहां 12 मई को मतदान हुआ था। बूथ के प्रिसाइडिंग ऑफिसर अमित अत्री की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, बीजेपी के पोलिंग एजेंट गिरिराज सिंह ने ‘मतदाताओं की मदद करने का बहाना’ करते हुए तीन बार दूसरों की जगह वोटिंग बटन दबाकर वोट डालने की कोशिश की। पलवल पुलिस ने कहा कि सिंह को गिरफ्तार करने के बाद सोमवार को जमानत पर छोड़ा गया। सदर पलवल पुलिस थाने के एसएचओ सब इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने बताया, ‘हमें मामले की जानकारी रविवार दोपहर को मिली, जब हमें किसी ने वीडियो भेजा। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई और दोपहर तक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।’ असोती गांव में दुकान चलाने वाला गिरिराज ग्राम पंचायत का सदस्य है। उसने आरोपों को खारिज रते हुए कहा है कि वह तो बस वोटरों को ईवीएम के बारे में ‘समझा’ रहा था।
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घटना के वीडियो में नजर आता है कि जब कोई मतदाता अपना वोट डालने जाता है तो गिरिराज भी उनके साथ पोल बूथ के अंदर चला जाता है। 90 सेकंड के अंदर गिरिराज तीन वोटरों के साथ ऐसा करता है। जब वह तीसरी बार बूथ में घुसना चाहता है तो उसे कहा जाता है कि उसे बाहर बुलाया जा रहा है। हालांकि, इसके बावजूद वह बूथ में दाखिल होता है। अत्री ने अपनी शिकायत में लिखा हैं, ‘मैंने हर बार गिरिराज सिंह को रोका लेकिन उसने नहीं सुना। गिरिराज वोट डालने की कोशिश कर रहा था। किसी ने उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और उसे वायरल कर दिया। इस बीच वोटरों की भीड़ आई और इसका फायदा उठाकर गिरिराज निकलने में कामयाब हो गया।’
चुनाव आयोग ने इस मामले में अत्री के खिलाफ ऐक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा, माइक्रो ऑब्जर्वर पर तीन साल तक चुनाव कार्यों में हिस्सा लेने का बैन लगा दिया है। उधर, न्यूज चैनल एनडीटीवी ने उन वोटरों में से एक से बातचीत की जिसकी जगह पर गिरिराज सिंह ने वोट डालने की कोशिश की। शोभा नाम की महिला का कहना है कि गिरिराज ने उन्हें कमल का बटन दबाने के लिए कहा था। शोभा के मुताबिक, उसने किसी से शिकायत इसलिए नहीं की क्योंकि उसकी बेटी बीमार थी और उसे घर जाने की जल्दी थी।