Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोर पकड़ते ही भाजपा और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए एक से बढ़कर एक वादे कर रहे हैं।
हाल ही में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर देश में गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया है। भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए कांग्रेस की तरफ से किए गए इस वादे को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस को इस वादे का चुनाव में फायदा मिल सकता है।
हालांकि, इस बारे में तस्वीर साफ नहीं है कि यह वादा कांग्रेस के लिए किस हद तक काम करेगा। जानकार मानते हैं कि राष्ट्रवाद की लहर पर सवार भाजपा को पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर हवाई हमले समेत अन्य सैन्य मुठभेड़ों का फायदा मिल सकता है।
इन सब के बावजूद कांग्रेस के वादे के बारे में देश की सबसे बड़ी पोलिंग कंपनी में से एक सीएनएक्स के संस्थापक भावेश झा का कहना है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, और मध्य प्रदेश में जैसे अपेक्षाकृत गरीब और अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में अनेक मतदाता इस वादे से प्रभावित हो सकते हैं। कांग्रेस ने हाल ही में इन राज्यों में विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है।
झा ने कहा, ‘यदि महज 4 से 5 फीसदी वोटर भी यदि कांग्रेस के पाले में गए तो भाजपा के लिए यह बड़ा झटका साबित हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस को उन राज्यों में फायदा मिलेगा जहां भाजपा से उसका सीधा मुकाबला है।
झा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह गेमचेंजर साबित हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस को वोट शेयर में निश्चित रूप से इजाफा होगा लेकिन इस स्तर पर यह कहना मुश्किल है कि इसके कितनी सीटें उसके खाते में आएंगी। झा ने कहा कि किसानी की घटती आय और रोजगार में कमजोर वृद्धि में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं।
वहीं पोलिंग एजेंसी सी वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख कांग्रेस की इस घोषणा को ‘परफेक्ट डिस्ट्रप्टर’ बताते हैं। उन्होंने कहा कि ये चीजें चुनाव प्रचार को एक नया जोश देती हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस को मतदाताओं को यह विश्वास दिलाना होगा कि यदि वो सत्ता में आई तो इस योजना को लागू करेगी।
इस महीने की शुरुआत में सीएनएक्स और इंडिया टीवी की तरफ से अनुमान लगाया गया था कि भाजपा को इस चुनाव में अकेले 238 सीटें मिल सकती हैं। अपने सहयोगियों के साथ पार्टी अगली सरकार बनाने के लिए पार्टी के पास पर्याप्त सीटें होंगी।
वहीं, इस घोषणा से पहले इस सप्ताह जारी सी वोटर के ओपिनियन पोल में कहा गया था कि भाजपा और उसके सहयोगियों को 261 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया था। जबकि कांग्रेस को 143 मिलने की बात कही गई थी।