दो मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रांची जेल में बंद राजद चीफ लालू यादव से मुलाकात करने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों नेताओं की मुलाकात बहुत मायने रखती है। राहुल गांधी रांची में एक रैली को सम्बोधित करने वाले हैं। अभी यह फाइनल नहीं हुआ है कि राहुल गांधी राजद सुप्रीमो से रैली के बाद मिलेंगे या पहले।

चारा घोटाले में सजा काट रहे और रिम्स में इलाज करा रहे राजद सुप्रीमो प्रत्येक शनिवार को अपनी पसंद के तीन लोगों से मिलते हैं। बताया जाता है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत करवाने को ध्यान में रखकर ही कांग्रेस ने रांची में रैली रखी है। इस तरह ‘एक पंथ दो काज’ हो जाएगा। वैसे, बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस बात की जानकारी होने से इनकार किया है।

कांग्रेस पार्टी के एक भरोसेमंद सूत्र का दावा है कि इस बैठक की सख्त जरूरत है, क्योंकि बिहार महागठबंधन में घटक दलों के बीच चल रही सीट बंटवारे के झगड़े को दोनों के बीच बैठक करके ही सुलझाया जा सकता है। सूत्र का कहना है कि ‘राजद किसी शर्त पर कांग्रेस को 7 सीट से अधिक देने को तैयार नहीं है, जबकि कांग्रेस 12 सीट मांग रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस बिहार में इतने ही सीटों पर चुनाव लड़ी थी और किशनगंज एवं सुपौल में जीती थी।

जगजाहिर है कि सीटों को लेकर बिहार महागठबंधन में मारा-मारी चल रही है। पूर्व सीएम और हिन्‍दुस्‍तान आवामी पार्टी (सेक्यूलर) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर कांग्रेस से कम सीट पर नहीं मानेंगे। कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि महागठबंधन का कोई घाघ नेता मांझी के कंधे पर बंदूक रखकर कांग्रेस पर फायरिंग कर रहा है, ताकि पार्टी कंट्रोल में रहे। उपेन्द्र कुशवाहा की राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के नेताओं कहना है कि ‘हमारे नेता को स्वयं लालू यादव ने जेल में बुलाकर 5 सीट देने का आश्वासन दिया है।’ उसी तरह 2018 के मध्‍य में अस्तित्व में आई विकासशील इंसान पार्टी के चीफ और सन आफ मल्लाह के नाम से मशहूर मुकेश साहनी ने भी तीन सीट के लिए महाजाल फेंका है। बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के अलावा वामदलों ने भी अपनी जमीनी ‘औकात’ से अधिक सीट हासिल करने के लिए राजद चीफ पर दबाव बनाया है।

राजद के एक बरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री का कहना है कि महागठबंधन में शामिल सभी घटक दलों की मांग मान ली जाए तो आरजेडी के लिए एक भी सीट नहीं बचेगी। इस नेता ने बताया कि लालू यादव स्‍पष्‍ट कर चुके हैं कि राजद कम से कम 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। वो आगे कहते हैं कि  पिछले लोकसभा में राजद 27 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें 4 सीटें जीती थी। वर्ष 2019 में हम 5 सीट छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन बीजेपी को हराना एकमात्र लक्ष्‍य है तो कांग्रेस को भी 5 सीटों का त्‍याग करना चाहिए।

बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर घटक दलों के कई कद्दावर नेता रांची जाकर लालू यादव से मिल चुके हैं। इनमें सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी. राजा, कांगे्रस की श्रीमती मीरा कुमार, रालोसपा चीफ उपेन्द्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी और मुकेश साहनी शामिल हैं। पिछले शनिवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी लालू यादव से मुलाकात की थी। जानकारी के मुताबिक, पिता के कहने पर ही तेजस्वी यादव दिल्ली जाकर कांगे्रस अध्यक्ष से सीटों पर मैराथन वार्ता की थी। सूत्रों का कहना है कि लालू 7 सीट से आगे नहीं बढ़ रहे हैं और कांग्रेस 12 सीट से कम लेने को तैयार नहीं है।

कांग्रेस और राजद खेमे में दोनो नेताओं के बीच होने वाली संभावित बैठक को लेकर उत्‍साह है। कांग्रेस पार्टी के एक एमएलए ने बताया कि 2 मार्च को सीट का झगड़ा समाप्‍‍‍त हो जाएगा। इस विधायक ने बताया कि वह भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उन्‍हें शांत रहने को कहा गया है। बताते चलेंं कि जेल में सजा काट रहे लालू यादव के साथ राहुल गांधी की ये दूसरी मिटिंग होगी। इससे पहले दोनों की एम्‍स,दिल्‍ली में  मुलाकात हो चुकी है।