Lok Sabha Election 2019: लोकसभा के छठे चरण के लिए रविवार को मतदान होना है। मध्यप्रदेश की हॉट सीट बनी भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह और भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह एक मामले में बराबरी पर छूटे। दोनों ही उम्मीदवारों के लिए उनकी पार्टी के शीर्ष नेता ने प्रचार नहीं किया।

चुनाव में ‘हिंदू आतंकवाद’ का मुद्दा उठाने वाली भाजपा ने यहां पर पूरे जोर शोर से मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी व जमानत पर बाहर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया था। हिंदू आतंकवाद शब्द का के पुरजोर विरोध करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने नहीं पहुंचे।

वहीं कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह का हाल भी कुछ-कुछ साध्वी जैसा ही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उन्हें भी ठंडी प्रतिक्रिया ही मिली। पहले चुनाव लड़ने को सीट को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह में मतभेद सामने आया था।

सीएम कमलनाथ से दिग्विजय सिंह से कहा था कि यदि उन्हें चुनाव लड़ना है तो वह प्रदेश की किसी कठिन सीट में से एक पर चुनाव लड़ें। कमल नाथ परोक्ष रूप से भोपाल और इंदौर सीट से चुनाव लड़ने की बात कह रहे थे। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस 30-35 साल से चुनाव नहीं जीती हैं।

मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस के अभी 29 में से महज 2 ही सांसद हैं. इस पर दिग्विजय ने कहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उन्हें जहां से चुनाव लड़ने को कहेगा वह वहां से खुशी-खुशी चुनाव लड़ने को तैयार हो जाएंगे।

इसके बाद दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। चुनाव में दिग्विजय सिंह ने भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलने का फैसला किया है।

दिग्विजय सिंह का कहना है कि उनके लिए सिर्फ विकास ही मुद्दा है। हालांकि, दिग्विजय जीत के लिए साधु-संतों का पूरा सहारा ले रहे हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन दिग्गी राजा ने पैदल घूम-घूम कर अपने लिए वोट मांगे। वहीं साध्वी प्रज्ञा ने टीटी नगर के दुर्गा मंदिर में 501 पंडितों के साथ सुंदरकांड का पाठ किया।

Read here the latest Lok Sabha Election 2019 News, Live coverage and full election schedule for India General Election 2019