Lok Sabha Election 2019: भाजपा का मजबूत गढ़ माने जाने वाले बुंदेलखंड में कांग्रेस पहली बार खुश दिखाई दे रही है। मध्यप्रदेश के इस इलाके में बागी उम्मीदवार भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं। भाजपा 1996 से सागर संसदीय सीट पर चुनाव नहीं हारी है।
कांग्रेस ने यहां से प्रभु सिंह ठाकुर को इस बार चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा की तरफ से राज बहादुर उनका मुकाबला कर रहे हैं। प्रभु सिंह ठाकुर यहां लतेरी गांव में लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झूठे वादे के बारे में बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा के उम्मीदवार राज बहादुर कहते हैं कि ठाकुर की कमजोरी मेरे लिए फायदेमंद होगी।
निगम पार्षद रह चुके बहादुर को पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का करीबी बताया जाता है। कहा जा रहा है कि इसी वजह से बहादुर टिकट पाने में कामयाब भी हो गए हैं।
टिकट नहीं मिलने से पूर्व सांसद नाराजः वहीं पिछली बार के भाजपा सांसद लक्ष्मी नारायण यादव भाजपा से नाराज चल रहे हैं। पार्टी ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया है। यादव ने साल 2014 में 1.2 लाख मतों के अंतर से चुनाव जीता था।
लक्ष्मी नारायण यादव का कहना है कि वह सागर से पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगे। यादव का कहना है बहादुर को टिकट देना पार्टी का गलत फैसला है। हालांकि, उन्होंने दामोह और छतरपुर में अन्य उम्मीदवारों के लिए काम करने की बात कही है।
पार्टी उम्मीदवार का फूंका पुतलाः यादव की खुली बगावत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मौजूदा उम्मीदवार बहादुर का पुतला भी फूंका। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और वरिष्ठ कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह का कहना है, ‘ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार का पुतला फूंका हो।’
भाजपा पिछले दो दशक से सागर सीट अपने पास रखे हुए है। यहां तक कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इस लोकसभा क्षेत्र की सभी 8 विधानसभा सीटें बरकरार रखी थी।
विधायकों का नहीं मिल रहा समर्थनः भाजपा के सागर उपाध्यक्ष गौरव सरोथिया का कहना है कि न सिर्फ भाजपा के नेता गुस्से में हैं बल्कि कुछ यादव नेता भी बहादुर की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। सागर से विधायक शैलेंद्र कुमार जैन का कहना है कि कुछ विधायक पार्टी उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर रहे हैं।