Lok Sabha Election 2019: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार रही फातिमा रसूल सिद्दीकी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। उनके सुर्खियों में रहने का कारण दरअसल, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से माफी मांगने की बात है। फातिमा का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा अगर अपने सांप्रदायिक बयान को लेकर मुस्लिमों से माफी मांग लें तो वह उनके लिए प्रचार करने को तैयार हैं।फातिमा का कहना है कि मैं उनके (प्रज्ञा सिंह ठाकुर) लिए चुनाव प्रचार नहीं कर रही हूं, क्योंकि उन्होंने धर्म युद्ध छेड़ने जैसे बयान दिए हैं। 26/11 को मुंबई के आतंकी हमले में शहीद होने वाले पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर उनके बयान से मैं बुरी तरह आहत हुई हूं। फातिमा का कहना है- ‘मोदी तुझसे बैर नहीं, साध्वी तेरी खैर नहीं।’ उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान की छवि मुस्लिमों में अच्छी है और वह गंगा जुमना तहजीब पर अपनी राय रखते आए हैं लेकिन ऐसे बयान से उनके भी विचार प्रभावित हो सकते हैं।
पिछले हफ्ते ठाकुर ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि उन्हें गर्व है कि 06 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराने में उनका भी योगदान है। पार्टी से नाखुश होने के सवाल पर फातिमा ने कहा, वह पार्टी से नाखुश नहीं हैं। बस मैडम जी (प्रज्ञा ठाकुर ) के बयान से मैं खुश नहीं हूं। उनका बयान लोगों को उकसाने वाला है।उनके नाम कई मामले दर्ज हैं। करकरे को लेकर बयान देने की जगह हमें गंगा और युमना नदियों के विकास की बात करनी चाहिए।वंदे मातरम विकास का मुद्दा नहीं है। साध्वी को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पैगंबर ने भी कहा कि देश सबसे पहले आता है। और देश के प्रति ईमानदार रहना चाहिए। हम हिंदुस्तान जिंदाबाद का समर्थन करते हैं लेकिन ऐसी बातों से क्या होगा, क्या इससे विकास होगा? क्या इससे रोजगार, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण होगा?
फातिमा ने कहा कि अब के लोग समझदार हो गए हैं और वह जानते हैं कि हिंदू-मुस्लिम को बांटा जा रहा है। मुस्लिमों को भी साध्वी प्रज्ञा के बयान का बुरा लगा है। किसी ने भी प्रज्ञा के खिलाफ आवाज नहीं उठाई लेकिन मैंने उठाई। मैंने अपने संदेश भी दिया और पार्टी से शिकायत भी की।
गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था। वह एमपी से भाजपा के टिकट पर अकेली मुस्लिम उम्मीदवार थी। हालांकि चुनाव में वह कांग्रेस के प्रत्याशी आरिफ अकील के सामने हार गई थीं। बता दें कि भोपाल में 12 मई को चुनाव होने हैं और 23 मई को मतगणना होनी है।

