Lok Sabha Election 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बायोपिक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल की यूनिट ने ममता बनर्जी पर बनी कथित बायोपिक को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
पत्र में ममता बनर्जी पर आधारित कथित बायोपिक ‘बाघिनी’ पर आयोग की तरफ से कार्रवाई करने की मांग की गई है। पत्र में प्रदेश भाजपा इकाई ने लिखा है कि आयोग इस कथित बायोपिक की समीक्षा करे। पत्र में कहा गया है, ‘मीडिया में आई खबरों के आधार पर हम आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं कि ममता बनर्जी पर आधारित कथित बायोपिक ‘बाघिनी’ 3 मई 2019 को रिलीज होना है।
पार्टी आपसे आग्रह करती है कि माननीय निर्वाचन आयोग और पश्चिम बंगाल में उनके प्रतिनिधि इस बायोपिक की रिलीज से पहले उसकी समीक्षा करें। आयोग यह समीक्षा उसी आधार पर करे जिस तरह पीएम नरेंद्र मोदी पर आधारित बायोपिक के मामले में की गई थी।’ मालूम हो कि निर्वाचन आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर रोक लगा दी है।
इससे पहले बाघिनी फिल्म के निर्माता निर्देशक इस फिल्म के ममता बनर्जी की बायोपिक होने से इनकार कर चुके हैं। हालांकि फिल्म के पोस्टर को देखकर साफ पता लगता है कि यह फिल्म ममता बनर्जी पर ही आधारित है। खबरों के अनुसार इस फिल्म में कामरेड ज्योति बसु के बारे में भी बताया गया है। मालूम हो कि ममता बनर्जी ने कामरेड बसु के खिलाफ ही पश्चिम बंगाल में अपनी लड़ाई लड़ी थी।
ममता ने ही पश्चिम बंगाल में वाम दल के दो दशक से भी अधिक के शासन काल का अंत किया था। इससे पहले फिल्म में ममता बनर्जी के नाम का भी इस्तेमाल नहीं किया गया। फिल्म की मुख्य किरदार का नाम इंदिरा बनर्जी है। फिल्म को हाल ही में सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है।
फिल्म की प्रोड्यूसर और लेखक पिंकी मंडल का कहना है कि यह फिल्म एक महिला के आम आदमी से महान बनने की दास्तान है। फिल्म के डायरेक्टर निहाल दत्ता है। हालांकि निहाल फिल्म के बारे में कोई भी साफतौर पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।

