Lok Sabha Election 2019: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी का संकल्प पत्र जारी करने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात कर सकते हैं। एनडीटीवी की खबर के अनुसार विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पर ‘बुजुर्गों का अपमान’ करने के आरोपों के बीच शाह इन दो दिग्गज नेताओं से सोमवार को मिलने जाएंगे।
मालूम हो कि भाजपा के ये दोनों वरिष्ठ नेता पार्टी के मौजूदा नेतृत्व से नाखुश बताए जा रहे हैं। पार्टी की तरफ से इस बार दोनों नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया गया। इतना ही नहीं चुनाव नहीं लड़ने की सूचना भी पार्टी के पदाधिकारी की तरफ से भेजी गई।
पार्टी अध्यक्ष शाह के इस फैसले को लेकर मुरली मनोहर जोशी अपनी नाराजगी भी व्यक्त कर चुके हैं।
शाह ने संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी राम लाल को मुरली मनोहर जोशी से मिलने भेजा था। रामलाल पार्टी की तरफ से जोशी के चुनाव नहीं लड़ने का संदेश लेकर उनके पास पहुंचे थे। साथ ही पार्टी चाहती थी जोशी इस बात की घोषणा खुद पार्टी कार्यालय आकर करें। वहीं जोशी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
जोशी चाहते थे कि उनके चुनाव नहीं लड़ने की सूचना कम से कम पार्टी अध्यक्ष उन्हें देते। इसके बाद सोशल मीडिया पर मुरली मनोहर जोशी की तरफ से एक टाइप किया हुआ संदेश भी वायरल हुआ था जिसमें लिखा था कि राम लाल उन्हें सूचित किया है कि मुझे कानपुर या कहीं और से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।
मुरली मनोहर जोशी ने साल 2014 में कानपुर से जीत हासिल की थी। जोशी ही वह नेता थे जिन्होंने साल 2014 में मोदी के लिए अपनी वाराणसी सीट छोड़ी थी। वहीं, इससे पहले पार्टी ने 91 वर्षीय लाल कृष्ण आडवाणी को गांधीनगर से टिकट नहीं दिया। पार्टी ने आडवाणी की जगह पर अमित शाह को गांधी नगर सीट से उम्मीदवार बनाया।
इससे पहले रामलाल ने ही आडवाणी को भी उनके चुनाव नहीं लड़ने की सूचना से अवगत कराया था। इन सब के बीच आडवाणी ने कुछ दिन पहले ही ब्लॉग लिखकर अपनी राय व्यक्त की थी। आडवाणी ने लिखा था कि पार्टी ने भाजपा में राजनैतिक असहमति रखने वालों को देशद्रोही बताने की परंपरा कभी नहीं रही है। भाजपा राजनैतिक विरोधियों को दुश्मन नहीं समझती। आडवाणी के ब्लॉग को मौजूदा राजनैतिक नेतृत्व पर सीधा हमला माना जा रहा था।
