Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में भाजपा की परेशानी बढ़ गई है। पार्टी के राज्य इकाई के अध्यक्ष नित्यानंद राय को पार्टी के बागी नेता के समर्थकों ने बृहस्पतिवार को घेर लिया।
राय को बागी नेता के समर्थकों द्वारा की गई धक्कामुक्का का भी सामना करना पड़ा। राय ने भाजपा के बागी विधान पार्षद अशोक कुमार अग्रवाल मुलाकात की थी ताकि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कटिहार लोकसभा सीट पर दायर वह अपना नामांकन सहयोगी पार्टी जद(यू) उम्मीदवार दुलाल चंद्र गोस्वामी के पक्ष में वापस लें लें।
सीटों के बंटवारे के बाद यह संसदीय सीट नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू के हिस्से में आई है। भाजपा इस सीट को 1999, 2004 और 2009 में जदयू के समर्थन से जीत चुकी है।
साल 2014 में यह सीट एनसीपी के तारिक अनवर के पास चली गई। उस समय तीन बार के भाजपा सांसद निखिल कुमार चौधरी को हार का सामना करना पड़ा था। जदयू के राम प्रकाश महतो तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार तारिक अनवर कांग्रेस के इस सीट से उम्मीदवार हैं।
बातचीत असफल होने से नाराज अग्रवाल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और उनके साथ धक्कामुक्की की गई। बाद में अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि रूठने मनाने का दौर खत्म हो गया है। कटिहार के अलावा बांका सीट पर भी भाजपा को बागियों के तेवरों से निपटना मुश्किल हो रहा है।
यहां से पूर्व सांसद पुतुल कुमारी ने बतौर निर्दलीय अपना नामांकन दाखिल किया है। वह 2014 में यहां से राजद के जयप्रकाश नारायण यादव के हाथों पराजित हो चुकी है।
मुलाकात के दौरान नारा लगाते रहे समर्थकः इससे पहले राय जब अग्रवाल के घर से निकल रहे थे उन्हें एमएलसी के सैकड़ों समर्थकों ने घेर लिया। बिहार भाजपा अध्यक्ष जब तक एमएलसी से मुलाकात कर रहे थे इस दौरान बाहर एमएलसी के समर्थक लगातार उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे।
जैसे ही राय अपने वाहन में सवार हो रहे थे उन्हें समर्थकों की धक्कामुक्की का सामना करना पड़ा। इसके बाद अग्रवाल ने कहा कि रुठने मनाने का दौर खत्म हुआ।