Lok Sabha Election 2019: भाजपा की तरफ से दक्षिण बंगलुरू से चुनावी मैदान में उतरे युवा उम्मीदवा तेजस्वी सूर्या और बिहार में बेगूसराय से सीपीआई की तरफ से चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार में जोरदार बहस देखने को मिली।
एक टीवी चैनल ने दोनों युवा नेताओं को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। कार्यक्रम में तीन मुद्दों पर बहस की गई। इसमें पूछा गया था कि युवा भारत के लिए क्या बेहतर है, एक स्थिर सरकार या गठबंधन की सरकार?
भारत के युवाओं को क्या चाहिए नरेंद्र मोदी की स्थिर सरकार या बिना चेहरे की महागठबंधन वाली सरकार? राष्ट्रवाद जरूरी है या रोजगार? इस सवाल के जवाब में कन्हैया कुमार ने कहा कि आज बहस नरेंद्र मोदी बना राहलु, दक्षिणपंथी बनाम वामपंथी नहीं होनी चाहिए।
कार्यक्रम में अपने जवाब के कारण भाजपा के उम्मीदवार खूब ट्रोल होने लगे। लोगों ने तेजस्वी सूर्या पर तथ्यों से हटने और मुख्य चर्चा से भागने का आरोप लगाया। वहीं कन्हैया ने कहा कि मूलभूत मुद्दों पर बहस की जरूरत है।
इसमें सरकार का विकास का झूठा वादा, 45 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी शामिल है। ऐसे में बहस जुमला बनाम बेरोजगारी होनी चाहिए। इसके जवाब में भाजपा के उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या ने मुद्रा लोन, स्वच्छ भारत, स्थिर व संवेदनशील सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, स्वरोजगार के अवसर व भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार की बात कही।
उन्होंने कहा कि वाम दल देश को गरीब रखना चाहते हैं। तेजस्वी ने कहा कि नरेंद्रे मोदी देश में सौहार्द कायम रखना चाहते हैं। उन्होंने उज्ज्वला योजना का भी जिक्र के समग्र विकास की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने इतिहास में ऐसा विकास कभी नहीं देखा जैसा कि नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच साल में किया।
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जेएनयू के पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने रघुराम राजन के हवाले से कहा कि 7 फीसदी की विकास की बात जो कही जा रही है वो झूठ है। जहां तक योजनाओं का कारनामा है वो उज्जवला के तहत रिफिल नहीं करा रहे हैं।
सरकार जब लोन की बात कर रही है तो रोजगार क्यों नहीं बढ़ रहा है। केंद्र सरकार में भी 27 लाख पद रिक्त पड़े हैं। जहां तक रिक्तियों का सवाल है तो भर्ती प्रक्रिया अटक कर रह जाती है।
सरकार की तरफ से गलत आंकड़ा पेश कर खुद की पीठ थपथपा रही है। स्किल इंडिया के तहत ट्रेनिग पाने वाले एक फीसदी लोगों को भी नौकरी नहीं मिल पा रही है। सरकार की सभी योजनाओं की डेडलाइन 2019 नहीं बल्कि 2022 या 2024 है। देश में गरीब और गरीब हो रहे हैं और अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं।