Lok Sabha Election 2019 में भी राजस्थान विधानसभा चुनाव की तरह बजरंग बली पर सियासत तेज हो गई है। एक बार फिर बयानों के केंद्र में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। योगी ने बयान दिया था, ‘हमें अली नहीं बजरंग बली चाहिए।’ इसके बाद अब रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने पलटवार किया है। आजम ने ‘बजरंग अली’ का नारा देकर नई बहस को जन्म दे दिया है।
आजम ने कहा, ‘आपस के रिश्ते को अच्छा करो, अली और बजरंग में झगड़ा मत कराओ, मैं तो एक नाम दे देता हूं बजरंग अली। बजरंग अली तोड़ दो दुश्मन की नली, बजरंग अली ले लो जालिमों की बलि।’ आजम के इस नारे के बाद अब नई बहस चल रही है। सोशल मीडिया पर भी लोगों की खासी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। उल्लेखनीय है कि आजम के खिलाफ बीजेपी ने इस बार अभिनेत्री जयाप्रदा को मैदान में उतारा है।
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अली और बजरंग बली की लड़ाई उन्होंने ‘बजरंग अली’ का नारा देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने पीएम को पाकिस्तान का एजेंट बता दिया। आजम का यह बयान अपने संसदीय क्षेत्र में एक चुनावी सभा के दौरान गुरुवार (11 अप्रैल) को सामने आया। उन्होंने इमरान के मोदी की जीत से द्विपक्षीय शांति वार्ता में सुधार की बात का जिक्र करते हुए पूछा, ‘ये मोदी-इमरान की कैसी मिलीभगत है? नवाज शरीफ आपके दोस्त थे, अब इमरान आपके पीएम बनने का इंतजार कर रहे हैं। बताओ पाकिस्तान का एजेंट कौन है?’
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इतना ही नहीं आजम ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र भी किया और इमरान खान से सवाल पूछा- ‘कैसे मुस्लमान हो कि आज तक 350 मुस्लिमों को नमाज-ए-जनाजा नहीं कराया।’ उल्लेखनीय है कि पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था।