Vidhatri Rao
कर्नाटक के 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। परिणामों के तुरंत बाद भाजपा को 224 के सदन में 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने के लिए बुलाया गया था। हालांकि कांग्रेस और जद (एस) ने जल्दी से एक साथ आकर 116 विधायकों (कांग्रेस 76, जद-एस 37 और तीन निर्दलीय) को इकट्ठा किया। हालांकि एक साल के भीतर कांग्रेस-जद (एस) सरकार गिर गई जब उनके 17 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए।
इसके बाद दिसंबर 2019, नवंबर 2020 और मई 2021 में उपचुनाव हुए और इन 17 में से 15 को बीजेपी की ओर से टिकट दिया गया। इसमें से 12 फिर से भाजपा विधायक के रूप में वापस आ गए। भाजपा ने अब तक जो दो सूचियां जारी की हैं, उनमें से 17 में से 14 विधायकों को फिर से टिकट मिला है। इसमें से एक विधायक के बेटे को पार्टी ने टिकट दिया है। जिन तीन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उनमे रोशन बेग, आर शंकर और एच विश्वनाथ शामिल हैं।
बीजेपी ने श्रीमंत पाटिल को कागवाड़ सीट से, अथानी सीट से महेश कुमाथल्ली, हीरेकेरुर सीट से बीसी पाटिल, येल्लापुर सीट से शिवाराम हेब्बर, यशवंतपुर सीट से एसटी सोमाशेखर, के आर पुरा सीट से ब्यरथी बसवराज, महालक्ष्मी लेयूट सीट से के गोपालिया, आरआर नगर सीट से एन मुनिरत्ना, गोकक सीट से रमेश जरकिहोली, चिकाबल्लापुर सीट से डॉ के सुधाकर, केआर पेट सीट से केसी नारायण गौड़ा, होसाकोट सीट से एमटीबी नागराज और विजयनगर सीट से आनंद सिंह के बेटे सिद्धार्थ को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है।
बीजेपी ने बेल्लारी जिले की विजयानगर सीट से विधायक आनंद सिंह के बेटे सिद्धार्थ को उम्मीदवार बनाया है। आनंद सिंह चार बार के विधायक रह चुके हैं और 2018 में बीजेपी में शामिल हुए थे। इनका बिजनेस में भी काफी बड़ा साम्राज्य है और यह माइनिंग के बिजनेस में है। 2012 के रिकॉर्ड के अनुसार इनके खिलाफ अवैध माइनिंग के 15 मामले भी दर्ज थे।
बीजेपी ने होसेकोट सीट से एमटीबी नागराज को भी टिकट दिया है। हालांकि 2019 के उपचुनाव में हार गए थे। लेकिन उसके बावजूद भी बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है।