कर्नाटक (Karnataka) में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में 14 दिनों का वक्त बाकी है। लेकिन राज्य में लिंगायत समुदाय (Lingayat community) बीजेपी से अपने समाज का सीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर रहा है। जैसे ही बीजेपी के कई लिंगायत नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा, उसके बाद से ही पार्टी के अंदर सीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग जोर पकड़ ली।

भाजपा के लगभग 25 से 30 लिंगायत नेताओं ने पिछले हफ्ते कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (former Karnataka Chief Minister B S Yediyurappa) के नेतृत्व में एक बैठक की थी। नेताओं ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर यह घोषणा करने के लिए दबाव बनाने का फैसला किया कि लिंगायत ही भाजपा के मुख्यमंत्री पद की पसंद होंगे। उससे पहले केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला किया कि सीएम उम्मीदवार की घोषणा चुनाव से पहले नहीं की जाएगी।

पिछले पांच-छह दिनों से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के नेतृत्व में भाजपा लिंगायत मतदाताओं की बड़ी संख्या वाले क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने संकेत दिया है कि यह घोषणा करना उचित नहीं होगा कि एक खास समुदाय से ही मुख्यमंत्री चुना जाएगा।

बीजेपी के एक नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यह कहना उल्टा होगा कि एक लिंगायत बीजेपी से सीएम होगा। गैर-लिंगायत दूसरों के लिए मतदान करना शुरू कर देंगे। उदाहरण के लिए वोक्कालिगा जद (एस) के लिए मतदान करेंगे, भले ही वे इसके साथ गठबंधन न करें, या कांग्रेस के लिए भी अगर वे डी के शिवकुमार को बेहतर दांव के रूप में देखते हैं।”

हालांकि भाजपा ने सत्ता में लौटने पर लिंगायत समुदाय के नेता को मुख्यमंत्री बनाने पर कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं किया है, लेकिन भाजपा के महासचिव और कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने सुझाव दिया है कि जिस समुदाय से मुख्यमंत्री चुना जाएगा वह एक प्रसिद्ध समुदाय है। पिछले हफ्ते पार्टी के लिंगायत नेताओं ने सीएम उम्मीदवार की घोषणा करके लिंगायतों के लिए भाजपा के समर्थन पर समुदाय को एक संदेश भेजने का आह्वान किया। अरुण सिंह ने कहा, “हर कोई इस सार्वभौमिक सच्चाई को जानता है कि अगर भाजपा जीतती है तो सीएम कौन होगा।”

भाजपा को राज्य के उत्तरी जिलों में अपने लिंगायत वोट आधार के बड़े पैमाने पर एक रखना होगा। नार्थ कर्नाटक में ही लिंगायत आबादी सबसे अधिक रहती है। राज्य में करीब 17 फीसदी लिंगायत आबादी है, जो बीजेपी का अभी तक समर्थन करते हुए आई है।