कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के विधायक के.जी. बोपैया को कर्नाटक विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने के खिलाफ शुक्रवार शाम सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। बोपैया को शनिवार को विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है, जिसमें वह इसका निर्णय देंगे कि बी.एस. येदियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत हासिल है कि नहीं। कांग्रेस की एक टीम ने इस संबंध में याचिका दाखिल करने शुक्रवार शाम सर्वोच्च न्यायालय पहुंची। याचिका रजिस्ट्री द्वारा स्वीकार कर लेने के बाद, ये लोग मामले की तत्काल सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार(अवकाशकालीन) के पास जाएंगे।
शुक्रवार (18 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को विधानसभा में शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने का निर्देश दिया। बहुमत परीक्षण हो जाने तक न्यायालय ने येदियुरप्पा के किसी भी तरह के नीतिगत फैसले लेने पर रोक लगा दी है। दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हैदराबाद में कांग्रेस के विधायकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने इस बैठक के दौरान शनिवार को सदन में भाजपा के विश्वासमत परीक्षण के दौरान कांग्रेस द्वारा अपनाए जाने वाली रणनीति पर चर्चा की।
कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर के विधायकों को विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए हैदराबाद ले जाने के कुछ ही घंटों के बाद सिद्धारमैया भी हैदराबाद पहुंचे। सिद्धारमैया ने होटल ताज कृष्णा पहुंचकर शनिवार को विश्वासमत परीक्षण के संबंध में विधायकों से चर्चा की। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, “वरिष्ठ नेता ने विधायकों को विश्वासमत के दौरान भाजपा को पराजित करने के लिए सामंजस्य बिठाने का निर्देश दिया। बैठक में पार्टी के सभी 76 विधायक शामिल हुए।”
बोपैया सबसे ज्यादा अनुभवी विधायक नहीं हैं। वह तीन बार विधायक चुने गए। वर्ष 2008-13 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे, और उस दौरान भ्रष्टाचार में फंसे येदियुरप्पा को बचाने का उन्होंने प्रयास किया था। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, सबसे ज्यादा अनुभवी विधायक कांग्रेस के आर.वी. देशपांडे हैं, लेकिन उनकी उपेक्षा कर भाजपा ने अपना जुगाड़ कर लिया है। कांग्रेस इस जुगाड़ को चुनौती देगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने एएनआई से बातचीत में कहा, ''हम शांगरी-ला होटल में विधायकों की बैठक के लिए रुके हुए हैं। हमारे पास बहुमत है। जितना हमने सोचा था, उससे कहीं ज्यादा। हमारे कार्यकर्ता बहुत खुश हैं।'' विधायकों के समर्थन के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा, ''बिल्कुल वे (कांग्रेस व जेडीएस विधायक) हमारे साथ हैं। अगर कांग्रेव और जेडीएस के विधायक हमारा समर्थन नहीं करते तो हम बहुमत कैसे साबित करेंगे? हम 101 फीसदी बहुमत परीक्षण जीतेंगे।''
कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से इंदिरा गांधी के शासन के खिलाफ लिखी गई एक कविता साझा की गई है। इसे कर्नाटक में चल रहे घटनाक्रम के तहत बीजेपी पर निशाना साधने के लिए प्रयोग किया गया है मगर कांग्रेस इस ट्वीट पर ट्रोल हो रही है।
कांग्रेस विधायक राजशेखर पाटिल ने एएनआई से कहा है कि सभी विधायक हैदराबाद के ताज कृष्णा होटल में मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ''हम बेंलगुरु के लिए निकलेंगे। हमारी यहां पर कोई बैठक नहीं हुई। सिद्धारमैया यहां आए हैं, हम यहां से जल्दी निकलेंगे। हमारे पास 77 विधायक हैं, कोई दबाव नहीं है। सरकार हमारी ही बनेगी।''
कांग्रेस ने राज्यपाल द्वारा केपी बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने का विरोध किया है। रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'राज्यपाल ने वरिष्ठतम विधायक की जगह केजी बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर संविधान का एनकाउंटर शुरू कर दिया है।' सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अदालत वापस जाने का विकल्प खुला हुआ है।
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के राजकोट स्थित आवास के बाहर आज दोपहर को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। ये सभी राज्यपाल के उस फैसले का विरोध कर रहे थे, जिसमें वजुभाई ने बीजेपी को बहुमत का आंकड़ा न होने पर भी सरकार बनाने का न्योता दे दिया था। प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर पुलिस ने इस संबंध में 30 कांग्रेसियों को हिरासत में लिया है।
कर्नाटक विधानसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर केजी बोपैय्या को चुन लिया गया है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उनकी नियुक्ति की है। बोपैय्या भारतीय जनता पार्टी के नेता होने के अलावा साल 2008 में प्रोटेम स्पीकर रहे हैं। वही विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराएंगे और फिर विधायकों को शपथ दिलाएंगे।
डीएमके नेता कनिमोझी ने इसी बीच बीजेपी पर आरोप लगाया है कि पार्टी हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल थी। सोशल मीडिया के जरिए डीएमके नेता बोलीं, "यह स्पष्ट है कि बीजेपी के पास बहुमत साबित करने के लिए जरूरी संख्या नहीं है। ऐसे में येदियुरप्पा को हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली में कहा, "कर्नाटक में कांग्रेस ने जनादेश की हत्या की है। कांग्रेस की रणनीतियां काम नहीं करती हैं। यह संविधान गांधियों के हिसाब से नहीं चलेगा।" पात्रा ने आगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला बोला। कहा कि राहुल ने एक दिन पाकिस्तान से अपने देश के सर्वोच्च न्यायालय की तुलना करा दी थी। वहीं कांग्रेस महाभियोग के पक्ष में थी। और अब वही एससी के फैसले में विश्वास कर रही है।
कांग्रेसी नेता आरवी देशपांडे ने प्रोटेम स्पीकर पद के लिए अपना दावा ठोका है। अपनी दलील रखते हुए उन्होंने कहा है, 'मुझे लगता है कि मैं विधानसभा का सबसे वरिष्ठ सदस्य हूं। ऐसे में मुझे ही प्रोटेम स्पीकर चुना जाएगा। सीक्रेट बैलट का कोई सवाल ही नहीं है।' बता दें कि इस वक्त वह विधानसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। 1983 से अब तक वह नौ बार में से आठ बार चुनाव जीते हैं। हालांकि, प्रोटेम स्पीकर के पास स्पीकर की नियमित शक्तियां व अधिकार नहीं होते हैं।
कर्नाटक में कल शक्ति परीक्षण है। राज्यपाल को उससे पहले प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करना होगा, जो विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराएगा। साथ ही वही विधायकों को शपथ दिलाएगा। प्रक्रिया के अनुसार, राज्यपाल सबसे वरिष्ठ सदस्य (विधानसभा में सबसे अधिक समय तक रहने वाले) को प्रोटेम स्पीकर चुनता है। स्पीकर की गैर-मौजूदगी में उसका कार्यभार प्रोटेम स्पीकर संभालता है।
हैदराबाद में जेडी(एस) के जीटी देवगौड़ा ने कहा है, "100 करोड़ हों या फिर 200 करोड़, हमारे विधायक एकजुट रहेंगे। कोई भी कहीं नहीं जाने वाला है। चाहे आज शाम की बात हो या फिर कल सुबह की। हम बेंगलुरू के लिए जल्द रवाना होंगे।"
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कर्नाटक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्यपाल वजुभाई वाला पर बड़ा प्रहार किया है। उन्होंने दावा किया है कि राज्यपाल संविधान की सुनने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सुन रहे हैं। राज्यपाल ने जब यह किया, तो उसी वक्त लोकतंत्र की हत्या हो गई थी। येदियुरप्पा ने सात दिन मांगे थे, मगर उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन दिए गए थे। ये चीज साफ दर्शाती है कि वह बीजेपी से मिले हुए हैं।
कर्नाटक के बाद अब बिहार और गोवा में राजनीतिक तूफान शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव पटना स्थित राज भवन अपने विधायकों संग पहुंचे हैं। वह आरजेडी की सरकार बनाने को लेकर मांग करने पहुंचे हैं। उनका दावा है कि सूबे में आरजेडी ही सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास 80 विधायक हैं। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं, जबकि बहुमत के लिए यहां 122 सीटें चाहिए। जेडीयू 71 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है, जबकि बीजेपी 57 सीटों के साथ तीसरे पायदान पर है।
कर्नाटक के बाद अब बिहार और गोवा में राजनीतिक तूफान शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव पटना स्थित राज भवन अपने विधायकों संग पहुंचे हैं। वह आरजेडी की सरकार बनाने को लेकर मांग करने पहुंचे हैं। उनका दावा है कि सूबे में आरजेडी ही सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास 80 विधायक हैं। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं, जबकि बहुमत के लिए यहां 122 सीटें चाहिए। जेडीयू 71 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है, जबकि बीजेपी 57 सीटों के साथ तीसरे पायदान पर है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेंगलुरू में कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इस दौरान कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला की जमकर आलोचना की। आजाद ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से लोकतंत्र को बचाया है, जबकि राज्यपाल ने लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया। हमारे (कांग्रेस-जेडीएस) पास कुल 117 सीटें थीं, जिसमें 78 कांग्रेस की थी, जबकि 38 जेडीएस के पास थीं। हम दो बार इस संबंध में राज्यपाल से मिले। लेकिन उन्होंने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया, वह भी 104 सीट के आंकड़े पर।" सरकार बनाने के लिए यहां किसी भी पार्टी को 112 सीटें चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, जो बताता है कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने जो किया, वह असंवैधानिक था। बीजेपी लेकिन अभी भी यह दावा कर धोखा देने की कोशिश कर रही है कि वह सरकार बना लेगी, जबकि असल में उसके पास बहुमत के लिए उपर्युक्त संख्या है ही नहीं। वैधानिक तरीके से उन्हें रोका गया है। ऐसे में वे सीटें हथियाने के लिए अब पैसों और बल का प्रयोग करेंगे।
तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री चुने गए बीएस येदियुरप्पा ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी में मुख्य सचिव से सलाह-मशविरा करेंगे और कल विधानसभा में सत्र बुलाएंगे। उन्हें 100 फीसदी यकीन है कि वह बहुमत साबित कर के दिखाएंगे।
कर्नाटक में कल शाम चार बजे शक्ति परीक्षण होने की खबर सामने आने के बीच एक और अहम खबर भी सामने आई। बताया गया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संपर्क में कुल 12 विधायक हैं, जो अलग-अलग पार्टियों से हैं। आठ विधायक इनमें कांग्रेस से हैं, जबकि दो-दो एमएलए जेडीएस और अन्य से हैं।
तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री चुने गए बीएस येदियुरप्पा ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी में मुख्य सचिव से सलाह-मशविरा करेंगे और कल विधानसभा में सत्र बुलाएंगे। उन्हें 100 फीसदी यकीन है कि वह बहुमत साबित कर के दिखाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर हुई सुनवाई के बाद बीजेपी की ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी कर्नाटक प्रभारी प्रकाश जावडेकर ने दावा किया है कि कल बीजेपी शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित करेगी।
कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला किया है। येदियुरप्पा कल तक नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे। कल दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
बीजेपी के वकील शनिवार को फ्लोर टेस्ट के सुझाव पर राजी नहीं हुए हैं। वह कल के बजाय इसे सोमवार को कराने के पक्ष में हैं। मगर कोर्ट ने फैसला लिया है कि कल शक्ति परीक्षण कल शाम चार बजे ही होगा। वहीं, कांग्रेस के वकील ने मांग की है कि बहुमत परीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी हो।