कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणामों के सामने आने के बाद कांग्रेस और जेडीएस एक साथ आ गए हैं। दोनों पार्टियों के एक होने के पीछे बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती का बहुत बड़ा रोल है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नतीजे देखने के बाद मायावती ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा के बीच सुलह कराने के पहल की थी। टीओआई के मुताबिक मायावती की पार्टी के एक नेता ने इस बात की जानकारी दी।

मायावती ने कर्नाटक में बीजेपी को सरकार बनाने से रोकने के लिए देवगौड़ा को कॉल किया और कांग्रेस के साथ होने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने सोनिया गांधी से भी इस मुद्दे पर फोन करके बात की। बीएसपी के एक नेता का कहना है, ‘हमने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हमें सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखना है। बीजेपी से पहले अगर सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया जाता तो यह हमारे समर्थकों को गलत संदेश देता।’

रिपोर्ट्स के मुताबिक मायावती ने जब देखा कि किसी भी पार्टी को उस तरह का बहुमत नहीं मिल रहा है कि वह खुद के दम पर सरकार बना सके, तब उन्होंने राज्यसभा सांसद और अपने मुख्य सहयोगी अशोक सिद्धार्थ को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से मुलाकात करने को कहा था। आपको बता दें कि मायावती ने इस बार जेडीएस के साथ मिलकर कर्नाटक में चुनाव लड़ा है। पार्टी ने कर्नाटक की 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इसके अलावा खुद मायावती ने प्रचार प्रसार के दौरान जेडीएस के नेताओं के साथ मिलकर चार रैलियों को संबोधित भी किया था। पार्टी को भले ही 0.3 फीसदी वोट मिले, लेकिन पार्टी पहली बार कर्नाटक में एक सीट जीतने में सफल हुई।

बता दें कि कर्नाटक में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में सरकार को लेकर सस्पेंस अभी भी जारी है। 16 मई यानी बुधवार सुबह से ही बैठकों का दौर जारी है। जहां कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया तो वहीं बीजेपी की तरफ से भी सरकार बनाने का दावा पेश किया जा चुका है। अब अंतिम फैसला राज्यपाल वजुभाई को करना है। दोपहर 2 बजे तक राज्यपाल अपना फैसला सुना देंगे।