कर्नाटक में जैसे-जैसे चुनाव की तिथियां नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे मुकाबले में खड़े हो रहे उम्मीदवारों के नाम भी सामने आ रहे हैं। कई उम्मीदवार पिता की विरासत को पाने के लिए मैदान में उतर रहे हैं तो कई अन्य सियासी जमीन हासिल करने के लिए खड़े हो रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एस बंगारप्पा के दो बेटे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को हासिल करने के लिये विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे से मुकाबला करते नजर आएंगे। बंगारप्पा के एक बेटे कांग्रेस से तो दूसरे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
शिमोगा जिले के सोरब विधानसभा क्षेत्र से कुमार बंगारप्पा और मधु बंगारप्पा आमने-सामने हैं। लोकसभा के लिये चुने जाने से पहले एस बंगारप्पा ने 1967 से 1994 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। भाजपा के टिकट पर कुमार जहां सोरब सीट से फिर विधायक बनना चाह रहे हैं, वहीं कांग्रेस के टिकट से इस सीट पर मैदान में उतरे उनके छोटे भाई मधु से उन्हें टक्कर मिल रही है।
इस सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में कुमार ने मधु को 3,286 मतों से हराया था। कुमार 2018 के चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, जबकि तब सोरब के विधायक रहे मधु जद (एस) से फिर से चुनाव लड़ रहे थे। मधु 2021 में कांग्रेस में शामिल हुए। भाइयों की प्रतिद्वंद्विता से परे जाकर दोनों के बीच की लड़ाई अक्सर पारिवारिक झगड़े के रूप में सामने आ जाती है और दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाते हैं।’
दोनों भाई 2004 से चुनावी विरोधी रहे हैं, तब भी जब बंगरप्पा जीवित थे। कुमार ने सोरब सीट का चार बार – 1996 (उपचुनाव), 1999, 2004 और 2018- प्रतिनिधित्व किया और मंत्री पद पर भी रहे। मधु ने इस सीट से 2013 में चुनाव जीता था। दोनों भाई पूर्व में कन्नड फिल्म उद्योग से भी जुड़े रहे हैं। कुमार ने जहां अभिनेता के तौर पर काम किया वहीं मधु अभिनेता और निर्माता थे। अपने पिता की तरह ही दोनों ने अतीत में राजनीतिक निष्ठा बदली है। कुमार कांग्रेस में थे जबकि मधु भाजपा, जद (एस) और समाजवादी पार्टी के साथ काम कर चुके हैं।