कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आएंगे। राज्य के सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के वरिष्ठ नेता तथा परिवहन और जनजातीय कल्याण मंत्री बल्लारी श्रीरामुलु मौजूदा समय में राज्य के चित्रदुर्गा जिले के मोलाकालमुरु विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह पार्टी के कद्दावर नेता हैं। पार्टी ने बेल्लारी (एसटी) से उनको टिकट दिया है।
1999 के लोकसभा चुनावों में श्रीरामुलु ने उस समय की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के लिए एक स्थानीय सहयोगी के रूप में काम किया। सुषमा स्वराज ने बेल्लारी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जब उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि वह करीबी अंतर से हार गई थीं। श्रीरामुलु और जनार्दन रेड्डी के समर्थन से उन्होंने अगले आम चुनावों में उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था।
श्रीरामुलु 2008 के कर्नाटक विधान सभा चुनाव में वे बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। तब भाजपा के पास बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में स्वतंत्र रूप से सरकार बनाने का पहला मौका था। बाद में उन्होंने कर्नाटक सरकार में लगभग 3 वर्षों तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया। सितंबर 2011 में उन्होंने कैबिनेट मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में कुछ विवाद और कथित अपमान के कारण उन्होंने भाजपा छोड़ दी। उन्होंने बेल्लारी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत भी गए।
इसके बाद उन्होंने एक क्षेत्रीय पार्टी, बदावरा श्रमिक रैथारा कांग्रेस या बीएसआर कांग्रेस बनाई। उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2013 के कर्नाटक विधान सभा चुनाव में सभी निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने जा रही है। हालांकि उनकी पार्टी कई सीटों पर जीत हासिल करने में नाकाम रही। पार्टी ने मुख्य रूप से हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में वोट शेयर को बांट कर भाजपा को एक बड़ा झटका दिया और भाजपा के लिए सीट शेयर को केवल 40 सीटों पर बंद कर दिया।
2013 में उनकी पार्टी को चुनावी हार का सामना करना पड़ा। बाद में उन्होंने यह कहते हुए अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने का फैसला किया कि वह और उनकी पार्टी 2014 के भारतीय आम चुनावों में नरेंद्र मोदी को सत्ता में लाने के लिए काम करने के इच्छुक हैं। मार्च 2014 में वह फिर से भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने बेल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
पिछले साल दिसंबर में रेड्डी ब्रदर्स के जनार्दन रेड्डी ने बगावत कर दिया और एक अलग पार्टी कल्याण राज बना ली थी। इससे भाजपा की बेचैनी बढ़ गई थी। भाजपा ने श्रीरामुलु को उनकी नाराजगी दूर करने के लिए भेजा था। हालांकि वे सफल नहीं हुए थे।