कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार (12 अप्रैल) को उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। बीजेपी ने 189 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। लिस्ट के जारी होते ही पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा एमएलसी ने पार्टी छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की।
लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, “मैंने निश्चित रूप से एक फैसला लिया है। मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि वह गुरुवार शाम को कड़ा निर्णय लेंगे और शुक्रवार से काम करना शुरू कर देंगे। सावदी अथानी से तीन बार के विधायक हैं। हालांकि, वह 2018 के चुनावों में तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार महेश कुमाथल्ली से हार गए थे। भाजपा ने अब कुमथल्ली को अथानी का टिकट दिया है, जो सावदी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं।
20 अप्रैल तक आएगी बीजेपी की दूसरी लिस्ट
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने बताया कि 20 अप्रैल तक कर्नाटक चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा की जाएगी। सीटी रवि ने बुधवार को कहा कि आज कर्नाटक में कांग्रेस, जद (एस) अकेले लड़ रहे हैं, इसके विपरीत वे कहते रहते हैं कि वे भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे।
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चिकमगलूर सीट से टिकट मिलने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा, “मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं, 189 लोगों की लिस्ट में बहुमत का जो आंकड़ा होगा वो हमें मिलेगा। सामाजिक संतुलन के साथ ही शिक्षित और हर वर्ग के लोगों को मौका दिया गया है। पार्टी इस पर हमेशा काम करती है कि सभी को परस्पर मौका मिले और नए प्रयोग होते रहें।” उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कुछ लोग बड़े नेता हैं उन्हें विश्वास में रख कर पार्टी उसका समाधान करेगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने पार्टी में बगावत पर कहा, “189 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं लगभग सभी क्षेत्रों में सहमति है। कुछ लोग सूची से असहमत हैं और उनसे चर्चा की जाएगी। मैं उनके साथ लगातार संपर्क में हूं। मैंने लक्ष्मण सावदी (राज्य उपाध्यक्ष) से बात की है और उनसे जल्दबाज़ी में कोई निर्णय नहीं लेने को कहा है।”
पार्टी के पास सभी के लिए अवसर जो राष्ट्र के लिए योगदान करना चाहते- तेजस्वी सूर्या
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने टिकट वितरण में विवाद पर कहा, “एक परिवार, एक टिकट के सिद्धांत का बीजेपी ने पालन किया है। एक वरिष्ठ नेता ने अन्य नेताओं के लिए रास्ता बना दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूरी निर्णय लेने की प्रक्रिया से पता चलता है कि किचन कैबिनेट में अपने उम्मीदवारों का फैसला करने वाली अन्य पार्टियों के विपरीत, पार्टी लोकतंत्र को कितनी गंभीरता से लेती है।” भाजपा सांसद ने कहा कि बीजेपी ने 52 नए नेताओं को टिकट दिया है। मुझे विश्वास है कि सभी नए नेता उम्मीदवारों के चयन के पीछे के सिद्धांतों को समझेंगे। पार्टी के पास उन सभी के लिए कई अवसर हैं जो राष्ट्र के लिए योगदान करना चाहते हैं।”