जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर खुद को किंगमेकर बता कर अपनी ही पार्टी में घिर गए। मंगलवार (पांच मार्च, 2019) शाम बिहार के मुजफ्फरपुर में पार्टी की छात्र इकाई के कार्यक्रम में उन्होंने कथित तौर पर खुद को किंगमेकर के रूप में पेश किया था, जिस पर पार्टी प्रवक्ता ने पलटवार में कहा कि वह ऐसी गलतफहमी बिल्कुल न पालें। एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, युवाओं को संबोधित करते हुए वह बोले थे, “अगर मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाने में मदद कर सकता हूं, तब मैं बिहार के युवाओं को सांसद, विधायक या फिर मुखिया बनाने में भी सहायता कर सकता हूं।”

बकौल किशोर, “हमारे देश में 48 करोड़ युवा वोटर्स हैं। 1952 में 40 फीसदी सांसद की उम्र 40 साल से कम थी। मौजूदा समय में केवल 7.3 फीसदी सांसद ही हैं, जो इस ब्रैकेट में आते हैं।” हालांकि, किशोर द्वारा इशारों में खुद को किंगमेकर बताने वाले बयान पर पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि वह वाकई में पीएम और सीएम बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

जेडी(यू) प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, “किसी को यह गलतफहमी न हो कि वह किसी को सांसद या विधायक बना सकते हैं। लोकतंत्र में मतदाता ही चुनावी उम्मीदवार की किस्मत तय करता है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साख, पार्टी कार्यकार्तों की मेहनत और मतदाता का विश्वास ही किसी को विधायक या सांसद बना सकता है। ऐसे में यह गलतफहमी किसी को नहीं होनी चाहिए।”

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उधर, मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने नीरज कुमार के बयान का समर्थन किया है, जबकि जेडी(यू) के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने इस मुद्दे को दबाने का प्रयास किया। वह बोले- किशोर में अच्छा प्रबंधकीय कौशल है और 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने बीजेपी की मदद की थी, जबकि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में वह महागठबंधन के लिए अहम भूमिका निभाते नजर आए थे।

हालांकि, सोनपुर से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक रामानुज प्रसाद ने किशोर को खुली चुनौती दी कि वह सीएम नीतीश को नालंदा सीट से चुनावी मैदान में उतरवा कर दिखाएं। उनके हवाले से अंग्रेजी अखबार ने कहा, “अगर वह (किशोर) सांसद और विधायक बना सकते हैं, तब वह सीएम को नालंदा से लड़वा भी सकते हैं।”