उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी की पार्टी रालोद के साथ गठबंधन किया है। पहले भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ भी सपा के गठबंधन की चर्चा चल रही थी लेकिन सहमति नहीं बन पाने के कारण यह गठबंधन नहीं पाया। वहीं कांग्रेस भी बसपा की तरह अकेले ही यह चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी और आरएलडी के गठबंधन नहीं होने को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि सभी अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं।

समाचार चैनल एबीपी न्यूज के घोषणापत्र कार्यक्रम में जब पत्रकार ने रालोद नेता जयंत चौधरी से सवाल पूछा कि क्या आपलोगों को नहीं लगता है कि कांग्रेस को साथ लाने की भी कोशिश करनी चाहिए थी। इसके जवाब में जयंत चौधरी ने कहा कि विपक्ष का मत इतना बंट नहीं रहा है, जितना बीजेपी का घट रहा है। उन्होंने दरवाजे को लॉक करने की कोशिश की लेकिन भगदड़ मच गई। यही संकेत है। जिसको चुनाव लड़ना है उसको पता है कि जनता की क्या पुकार है। जमीन पर पूरी तरह से माहौल तब्दील हो चुका है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अपना एक वोट है, बीएसपी का अपना वोट है। सभी अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं। हमें उनसे कोई नुकसान नहीं है।

इसके अलावा उन्होंने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होने के सवाल पर कहा कि चंद्रशेखर आजाद की अपनी मेहनत है। अन्याय के खिलाफ उनकी एक आवाज है। उसी का सम्मान करते हुए एक कोशिश की गई। मुझसे अखिलेश यादव ने पूछा था क्योंकि बंटवारे में एक सीट रामपुर की थी। उन्होंने पूछा की क्या हम चंद्रशेखर को ले लें और ये सीट दे दें। तो मैंने बिना देर लगाए हां कह दिया। अखिलेश यादव ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इतनी सीट हम दे रहे थे, उनकी मांग ज्यादा थी। ये होता है। ऐसा नहीं है कि जो सीट हम लड़ रहे हैं, उससे ज्यादा हमारा क्लेम नहीं था।

इसके अलावा उन्होंने अपना नाम जयंत सिंह से जयंत चौधरी किए जाने को लेकर कहा कि चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद बहुत सी चीजें हम नहीं कर पाए क्योंकि उस वक्त बीमारी का प्रकोप ऐसा था। फिर हमने छपरौली में एक कार्यक्रम किया। जो वहां की परंपरा है उसके हिसाब से वहां बुजुर्ग लोग आए और उन्होंने आशीर्वाद दिया और पगड़ी बांधी। साथ ही उनलोगों ने कहा कि अब चौधरी जयंत सिंह लिखना शुरू करो।

बता दें कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी की रालोद के अलावा ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा, शिवपाल सिंह यादव की प्रसपा, संजय चौहान की जनवादी पार्टी, केशव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, एनसीपी और टीएमसी के साथ गठबंधन किया है।