जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने गठबंधन किया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीडीपी और बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य में 90 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव होगा। इसमें से कश्मीर में 47 जबकि जम्मू में 43 सीटें हैं। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। 2014 में हुए चुनाव में किसी भी दल को बहुमत न मिलने पर बीजेपी और पीडीपी साथ आए थे लेकिन यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी थी। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कुल 90 सीटों पर तीन चरण में वोट डाले जाएंगे। राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 7 जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीटें रिजर्व हैं। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे व अंतिम चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा।
जम्मू-कश्मीर में प्रथम चरण में 24 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जिनमें – पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डी.एच. पोरा, कुलगाम, देवसर, दूरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवाड़ा – बिजबेहरा, शांगस – अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, नाग सेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण में 26 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जिनमें- कंगन (एसटी), गांदरबल, हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, चन्नपोरा, जदीबल, ईदगाह, सेंट्रल शाल्टेंग, बडगाम, बीरवाह, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, चदूरा, गुलाबगढ़ (एसटी), रियासी, श्री माता वैष्णो देवी, कालाकोट – सुंदरबनी, नौशेरा, राजौरी (एसटी), बुद्धल (एसटी), थन्नामंडी (एसटी), सुरनकोट (एसटी), पुंछ, हवेली और मेंढर (एसटी) शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में तीसरे चरण में 40 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जिनमें – करनाह, त्रेहगाम, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवाड़ा, लंगेट, सोपोर, रफियाबाद, उरी, बारामूला, गुलमर्ग, वागूरा-क्रीरी, पट्टन, सोनावारी, बांदीपोरा, गुरेज (एसटी), उधमपुर पश्चिम, उधमपुर पूर्व, चेनानी, रामनगर (एससी), बनी, बिलावर, बसोहली, जसरोटा, कठुआ (एससी), हीरानगर, रामगढ़ (एससी), सांबा, विजयपुर, बिश्नाह (एससी), सुचेतगढ़ (एससी), आर.एस. पुरा – जम्मू दक्षिण, बाहु, जम्मू पूर्व, नगरोटा, जम्मू पश्चिम, जम्मू उत्तर, मढ़ (एससी), अखनूर (एससी) और छम्ब शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कुल 88,66,704 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। कुल वोटर्स में से 75,834 सर्विस वोटर्स हैं जबकि 87,90,870 जनरल वोटर्स हैं।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्या (18-19 साल) 4,27,813 है। इसके अलावा दिव्यांग मतदाताओं की संख्या- 83,072, थर्ड जेंडर वोटर्स- 167 और वरिष्ठ नागरिकों (85+ वोटर्स) की संख्या- 69,974 है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में इस बार 11,838 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में 10,757 पोलिंग बूथ बनाए गए थे।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रहे प्रमुख दलों की बात करें तो यहां बीजेपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी प्रमुख दल हैं। राज्य में अपनी पार्टी, डीपीएपी, बसपा, आम आदमी पार्टी सहित कई अन्य दल चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और नेशनल कान्फ्रेंस – कांग्रेस गठबंधन के बीच माना जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब राज्य में मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। राज्य में बीजेपी को 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने क्रमश: 15 और 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तब राज्य में तीन निर्दलीय औऱ चार अन्य पार्टियों ने जीत दर्ज की थी। उस समय लद्दाख जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था। इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 28 सीटों पर, पीडीपी ने 21 सीटों पर, कांग्रेस पार्टी ने 17 सीटों पर और बीजेपी ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी।