गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। वह अपना लोकसभा क्षेत्र में घर-घर प्रचार कर रहे हैं। पिछले दिनों उनका परिवार उनके सजायाफ्ता भाई मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत के बाद चर्चा में आया था।
अफजाल अंसारी के सामने बीजेपी की ओर से पारसनाथ राय चुनाव लड़ रहे हैं। राय जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज सिन्हा के करीबी माने जाते हैं। अफजाल अंसारी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास बातचीत की है।
‘बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार बड़े मुद्दे’
अफजाल अंसारी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार को उनके चुनावी मुद्दों में सबसे अहम बताया।
गाजीपुर सांसद ने कहा, “सरकार अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है और लोगों को डरा कर वोट हासिल करना चाहती है। दूसरा मुद्दा सरकार के लालच से जुड़ा है। यहां बड़ी तादाद उन लोगों की है जो बेरोजगार हैं और ऐसा कोई रास्ता नहीं दिखता कि उन्हें कोई काम मिल पाए। जब एक छात्र पढ़ने के लिए लोन लेता है तो इस उम्मीद में की उसकी नौकरी लग जाएगी, लेकिन जब लगती नहीं है तो उसपर लोन के ब्याज का भार चढ़ जाता है।”
अंसारी ने आगे कहा,”जिन कामों को सरकार की उपलब्धियां बताया जा रहा है उनमें विरोधियों को जेल भेजना, उनके घरों पर बुलडोजर चलाना जैसी बातें शामिल हैं। इन्हें समाज में एक खास विचारधारा को मानने वाले 10 फीसदी लोग पसंद करते हैं. लेकिन ऐसा दिखाया जा रहा है मानो आम लोग इनके काम से खुश हैं।”
मुख्तार अंसारी पर क्या बोले?
जब इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार असद रहमान ने अफजाल अंसारी से मुख्तार अंसारी पर पूछा कि आपके मुताबिक यहां जेल में हुई उनकी मौत से लोगों में गुस्सा है तो अफजाल अंसारी ने कहा,”मुझे पता था कि आप इस सवाल पर आएंगे, और यह कि मेरे केस का हाईकोर्ट में क्या स्टेट्स है? तो इन सवालों का जवाब 4 जून को मिल जाएगा। इस सवाल का भी कि लोग उनकी (मुख्तार अंसारी) मौत से कितना दुखी हैं।”
सपा ने सिर्फ 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है?
इस सवाल के जवाब में अफजाल अंसारी ने कहा,”आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहिए कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने मुसलमानों को कितने टिकट दिए? समाज के कमजोर लोग जैसे दलित, ओबीसी और अगड़ी जातियां जो समाज के निचले पायदान पर हैं उन्हें कितने दिए। झूठ का पहाड़ कब तक खड़ा रहेगा, इस बार बीजेपी को 200 सीट भी नहीं मिल रही हैं।