राजस्थान में 7 दिसंबर को वोटिंग होनी है। ऐसे में हर प्रत्याशी और पार्टी जीत के लिए सभी दांव खेलने को तैयार है। ऐसे में आपको बताते हैं राजस्थान की राजनीति से जुड़ा एक किस्सा जब कम सीटों के बाद भी सत्ता में आई थी भाजपा। उस वक्त देश में राममंदिर आंदोलन चल रहा है था। उस ही समय 1990 में राजस्थान का विधानसभा चुनाव हुआ। जिसमें इलेक्शन का एक चौंकाता हुए अजीबोगरीब नतीजा आया था। इससे पहले प्रदेश में ऐसा नतीजा न तो आया था और न ही कभी उसके बाद आया।

हुआ क्या था  ?
1990 के चुनाव में कांग्रेस को 50 सीटों के साथ सबसे अधिक 33.64 % वोट मिले थे लेकिन इसके बावजूद वो तीसरे नंबर की पार्टी बन गई थी। वहीं 25.25% वोट पाने वाली भाजपा 85 सीट लेकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। दिलचस्प ये रहा कि सिर्फ 21.63 प्रतिशत वोट लेकर जनता दल को कांग्रेस से 5 ज्यादा यानी 55 सीटें मिली थीं। बता दें कि अब तक प्रदेश में 1952 से 2013 तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और हर चुनाव में अधिक वोट शेयर वाली पार्टी को अधिक सीटें और सत्ता मिली। लेकिन 1990 का चुनाव वोट को सीटों में कन्वर्ट करने के लिहाज से सबसे रोचक रहा, जिसका फॉर्मूला आज तक प्रदेश में किसी दल या संगठन की ओर से नहीं निकाला जा सका है। तब भाजपा ने 128 और जनता दल ने 120 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं कांग्रेस ने 200 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे।

चुनाव के बाद भाजपा और जनता दल के बीच गठबंधन हुआ था, जिसके बाद भाजपा की सरकार बनी। हालांकि कुछ महीने बाद ही केंद्र में भाजपा ने तत्कालीन वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद राज्य में जनता दल ने भी भैरोसिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इस बाद प्रदेश में जनता दल भी टूट गया था। वहीं एक गुट ने भैरोसिंह सरकार को समर्थन कर दिया था जिस वजह से सरकार बच गई थी।

कब किसे कितना मिला, किसे मिली सत्ता
1952: कांग्रेस को 39.91 प्रतिशत वोट और 102 सीटों पर जीत।
1957: 45.13 प्रतिशत वोट और 119 विधायकों को लेकर कांग्रेस फिर सत्ता में पहुंची।
1962: कांग्रेस का वोट प्रतिशत तो बढ़ा लेकिन सीटें घटकर 88 रह गईं।
1967: 41.41 फीसदी मत लेकर कांग्रेस 89 सीटों पर जीती।
1972: कांग्रेस ने 51.14 प्रतिशत वोट लेकर 145 सीटें जीती।
1977: जनता पार्टी को 50.41 प्रतिशत वोट और 150 सीटें मिली।
1980: कांग्रेस की 133 सीटों के साथ वापसी हुई।
1985: कांग्रेस ने 46.79 वोट लेकर 113 विधायक जिताए।
1990: भाजपा से 8.89 प्रतिशत अधिक वोट लेकर भी कांग्रेस हार गई।
1993: भाजपा ने 38.60 प्रतिशत और 96 सीटों के साथ सत्ता में वापसी की।
1998: कांग्रेस ने 44.95 प्रतिशत वोट लिए और सरकार बनाई।
2003: भाजपा को 39.20 वोट के साथ कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया।
2008: कांग्रेस ने 36.82 प्रतिशत वोट लिए और सरकार बनाई।
2013: मोदी लहर में भाजपा ने 46.05 % वोट और 163 सीटें लेकर कांग्रेस को 21 सीटों पर समेटा।

 

गौरतलब है कि 200 सीटों के लिए राजस्थान में कुल 2294 प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रदेश में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि 11 दिसंबर को नतीजे सबके सामने होंगे।