मौसम खराब होने की वजह से राहुल गांधी लोगों के बीच नहीं पहुंच सके तो गमछे के जरिए लोगों को संदेश देने की कोशिश की। राहुल ने गमछा अपने गले में डाला हुआ है। इस पर दोनों तरफ सीएए लिखा है। तस्वीर से संदेश साफ है कि कांग्रेस असम में सीएए लागू नहीं होने देगी।

ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए मंगलवार को असम आना था, लेकिन खराब मौसम के चलते वो नहीं आ सके। सीएए को असम के इतिहास, संस्कृति और भाषा पर हमला करार देते हुए राहुल कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो इसे लागू नहीं होने देगी।

राहुल ने लोगों से कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन महाजोत के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए कहा कि पांच लाख नौकरियां और चाय बगान के श्रमिकों को न्यूनतम 365 रुपये मजदूरी देने के वादे पर पार्टी प्रतिबद्ध है। कांग्रेस नेता ने कहा कि असम को लेकर उनकी पार्टी और गठबंधन का संदेश स्पष्ट है। हम अपने पांच सुनिश्चित वादों के साथ असम को विकास के रास्ते पर आगे ले जाएंगे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा अनुच्छेद 254-ए को खत्म करने की योजना बनाकर पहाड़ों में रहने वाले आदिवासियों को निशाना बना रही है। गठबंधन की सरकार बनी तो इसे लागू किया जाएगा। बता दें कि 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान हो रहा है। पहले चरण में 27 मार्च को मतदान हुआ था, जबकि दूसरे और तीसरे चरण में एक और छह अप्रैल को वोटिंग होनी है। कांग्रेस ने दूसरे कई दलों के साथ मिलकर महाजोत बनाया है।

बीजेपी की सोनोवाल सरकार लगातार प्रचार कर रही है कि असम में सीएए कोई मुद्दा नहीं है। हालांकि, बीजेपी के नेता सीएए की चर्चा असम में करने से बच रहे हैं। बीजेपी जहां बंगाल में इसे लेकर जोरशोर से प्रचार कर रही है वहीं असम में इसके जिक्र से भी बच रही है। राहुल भी बीजेपी की दुविधा को समझकर सीएए के जरिए जनता को अपने पाले में खींचने की कोशिश कर रहे हैं।