हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट के चुनाव पर देशभर की निगाहें टिक गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जब बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को यहां से मैदान में उतारा, उसी समय से इस सीट की चर्चा पूरे देश में होने लगी है। यह चर्चा तब और तेज हो गई, जब कंगना के मुकाबले में कांग्रेस ने छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे व प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य को उम्मीदवार बनाया। इससे इस सीट पर मुकाबला अब रोचक हो गया है।

मंडी लोकसभा सीट से वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह तीन-तीन बार सांसद रही हैं। यह परिवार इस संसदीय सीट से 10 बार चुनाव लड़ चुका है, जिनमें उसे चार बार हार व छह बार जीत मिली है। वर्तमान में भी प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद हैं। विक्रमादित्य के लिए मंडी संसदीय क्षेत्र नया नहीं है। एक तरह से कहा जा सकता है कि मंडी क्षेत्र से उनका पारिवारिक रिश्ता रहा है। यह लोकसभा क्षेत्र प्रदेश के छह जिलों मंडी, कुल्लू, शिमला, किन्नौर, लाहुल स्पीति व चंबा के 34 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां विक्रमादित्य सिंह के लिए पहचान बनाने जैसा कोई संकट नहीं है।

वहीं, भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत भले ही सिने जगत में तहलका मचा चुकी है, मगर आम आदमी के लिए वह नया चेहरा हैं। यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को कंगना रणौत के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ रही है। उन्हें पूरे क्षेत्र में कंगना के साथ जाना पड़ रहा है। कहा जा सकता है कि मंडी संसदीय सीट उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।

वैसे कंगना रणौत का नाम 28 मार्च को घोषित हो जाने के बाद उन्होंने एक महीने में पूरे संसदीय क्षेत्र के सभी प्रमुख स्थानों पर जाकर बैठकें, जनसभाएं व संवाद किए हैं। वह हर क्षेत्र में जाकर वहां की वेशभूषा में नजर आती हैं और इसके लिए उनकी चर्चा भी खूब हो रही है। कंगना का दावा है कि वह हिमाचल की बेटी हैं और मंडी लोकसभा क्षेत्र के लोगों का भरपूर समर्थन उन्हें मिल रहा है।

कांग्रेस को कंगना के इस तरह प्रचार का तरीका काफी खटक रहा। कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने हाल में मीडिया से बातचीत में कंगना पर निशाना साधते हुए कहा कि माडलिंग और राजनीति में अंतर होता है। राजनीति में माडलिंग से लोगों का दिल नहीं जीता जा सकता है। बनावटी चेहरा लोगों को प्रभावित नहीं कर सकता। विक्रमादित्य ने दावा किया कि कंगना के पास मंडी संसदीय क्षेत्र या हिमाचल प्रदेश के लिए कोई विजन नहीं है। उन्हें नहीं पता कि वह मंडी क्षेत्र के लिए क्या करना चाहती हैं।

विक्रमादित्य ने कंगना को चुनौती दी कि वह अपने विजन को लेकर मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर आकर उनके साथ एक मंच पर खुली बहस करें। विक्रमादित्य अपने भाषणों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की भी खूब तारीफ कर रहे हैं।