भारतीय जनता पार्टी ने जो 195 उम्मीदवारों का ऐलान लोकसभा उम्मीदवारों को लेकर किया है, उसमें हिमाचल प्रदेश का नाम नहीं है। प्रदेश में चार लोकसभा सीटें हैं और मुकाबला सीधे तौर पर कांग्रेस व भाजपा के बीच है क्योंकि यहां पर राजग या इंडिया गठबंधन जैसी कोई बात नहीं है। रोचक तो यह है कि राज्यसभा चुनाव में पाला बदलने के कारण जो प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम बदला है, उसने दोनों ही दलों के गणित को बिगाड़ दिया है।

जहां तक भारतीय जनता पार्टी की बात है तो अभी तक साफ तौर पर हमीरपुर लोकसभा से ही अनुराग सिंह ठाकुर का नाम तय माना जा रहा है। अनुराग सिंह ठाकुर लगातार चार बार से यहां सांसद चुने जा रहे हैं । वे केंद्र में दमदार मंत्री हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व आलाकमान के बहुत करीब माने जाते हैं। ऐसे में उनका हमीरपुर से चुनाव लड़ना तय है मगर भाजपा के लिए कांगड़ा, मंडी व शिमला संसदीय क्षेत्रों में अभी स्थिति साफ नहीं हैं।

कांगड़ा के वर्तमान सांसद किश्न कपूर व शिमला से सांसद सुरेश कश्यप को लेकर स्थिति ज्यादा साफ नहीं है। यहां पर भाजपा नए चेहरों की तलाश में है। एक महिला को टिकट दिए जाने की सूरत में शिमला से पच्छाद की विधायक रीना कश्यप को भी लोकसभा के लिए उतारा जा सकता है। कुछ और नाम भी चर्चा में हैं। कांगड़ा से भी पार्टी नए चेहरे के बारे में विचार कर सकती है।

पूर्व मंत्रियों को लेकर भी चर्चा है, मगर बताते हैं कि पार्टी ने विधानसभा चुनावों में जो केबिनेट मंत्री हार का सामना कर चुके हैं, उनके नाम पर विचार न करने का निर्णय लिया है ऐसे में कुछ बड़े चेहरे जो विधानसभा चुनाव हार गए थे, पहले ही बाहर हो गए हैं। मंडी से भी जय ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष के अलावा कोई तगड़ा उम्मीदवार अभी सामने नहीं आया है।

सिने तारिका कंगना रणौत के नाम पर भी पार्टी कोई ज्यादा मुखर नहीं है। होती तो अब तक कंगना को किसी ने किसी मंच पर जरूर लाया जाता मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। यहां से पहले ही टिकट के दावेदार रहे पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, अजय राणा, मनाली नगर परिषद के अध्यक्ष चमन कपूर, ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर के अलावा पूर्व मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर आदि के नाम भी लिए जा रहे हैं। कांग्रेस के लिए मंडी से प्रतिभा सिंह का नाम तय माना जा रहा है।

प्रदेश में हुए नए राजनीतिक घटनाक्रम के कारण मंडी से भाजपा कांग्रेस में टिकट को लेकर कोई भी बड़ा धमाका हो जाए तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। यूं विक्रमादित्य के नाम पर भी चर्चा होती रही है। कांग्रेस शिमला, हमीरपुर व कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों में विधायकों को उतारने को लेकर भी विचार कर सकती है।

शिमला के लिए कसौली के विधायक विनोद सुलतानपुरी के अलावा कुछ और नाम भी चर्चा में हैं। हमीरपुर सीट के लिए कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द है क्योंकि इस सीट से कांग्रेस के चार विधायकों व एक निर्दलीय ने राज्यसभा चुनाव में बगावत कर दी थी। इसकी भरपाई कर पाना अब इतनी जल्दी कांग्रेस के लिए संभव नहीं है।

ऐसे में अनुराग के सामने कौन उम्मीदवार होगा इसे लेकर कांग्रेस असमंजस में है। कोई नया चेहरा ही सामने आ सकता है। कांगड़ा में भी कांग्रेस अभी अंधेरे में ही है। रघुबीर सिंह बाली के अलावा कुछ और नामों पर चर्चा हो रही है मगर कोई तय नहीं हो पाया है। ऐसे में दोनों ही दल एक दूसरे की ओर देख रहे हैं मगर इतना तो तय है कि प्रदेश में घटे चौंकाने वाले राजनीतिक घटनाक्रम की झलक लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के ऐलान में देखने को जरूर मिलेगी।