कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कोप्पल जिला काफी चर्चाओं में है। इस क्षेत्र में गोकर्ण भी आता है। राज्य सरकार ने गोकर्ण को हनुमान जन्मस्थली के तौर पर विकसित करने का फैसला किया है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है और यहां कुछ काम भी शुरू कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से सभी लोग काफी खुश हैं, लेकिन विपक्षी दलों ने इसके पीछे राज्य सरकार का सियासी मकसद होने का दावा किया है। उनका मानना है कि कर्नाटक सरकार पिछले कुछ समय से इस स्थान का जिस तरह प्रचार कर रही है वह सिर्फ धार्मिक नहीं है बल्कि राजनीतिक कारणों से भी इस क्षेत्र का इतना प्रचार किया जा रहा है।

कोप्पल की 3 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा

इस जिले में कोप्पल, येलबुर्गा, कुष्टगी, गंगावती और कनकगिरी नाम के पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से तीन पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। गोकर्ण भी इसी जिले में आता है, जो कर्नाटक का प्रमुख धर्मस्थल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ समय में मंदिर में जाने वालों में सियासी लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

इस बार जनार्दन रेड्डी भी होंगे मैदान में

बेल्लारी बंधु के नाम से जाने जाने वाले जनार्दन रेड्डी अपनी खुद की कल्याण राज्य प्रगति पार्टी के बैनर तले गंगावती से चुनाव लड़ रहे हैं। हनुमान जन्मस्थल इसी क्षेत्र में आता है। ऐसे में मुकाबला भी रोचक हो गया है। एक समय में बेल्लारी बंधुओं का कर्नाटक की राजनीति में दबदबा था। ऐसा भी कहा जाता है कि राज्य की राजनीति में भाजपा के पैर जमाने में बेल्लारी बंधुओं ने जोर लगाया और पार्टी के कई नेताओं से इनके संबंध हैं। जनार्दन रेड्डी को अवैध खनन के मामले में दो साल जेल में रहना पड़ा और अब वे फिर से राजनीति में वापस आए हैं, जिससे थोड़ी परेशाना भाजपा को भी होगी। पार्टी का भी वोट कटेगा।

कर्नाटक के अलावा, इन राज्यों में भी हनुमानजी जन्मस्थली होने का दावा

हनुमानजी जन्मस्थली को लेकर इतिहासकारों में थोड़े मतभेद हैं। 6 राज्यों में हनुमान जन्मस्थली का दावा किया जाता है-

  • कर्नाटक में हम्पी में अंजनाद्री के पास एक पहाड़ी है।
  • झारखंड में गुमला जिला मुख्यालय से 21 किमी दूर अंजन गांव।
  • गुजरात के नवसारी क्षेत्र में अंजन पर्वत।
  • हरियाणा में कैथल क्षेत्र
  • महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर से 7 किमी पर अंजनेरी।
  • आंध्र प्रदेश में अंजनाद्री पहाड़ी

साल 2021 में आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने घोषणा की थी कि अंजनाद्री पहाड़ी श्री अंजनेय स्वामी या भगवान हनुमान की जन्मभूमि है। इतिहासकारों का तर्क है कि किंवदंतियों और पुराणों में हम्पी क्षेत्र को लोकप्रिय रूप से किष्किन्धा के नाम से जाना जाता था। इसलिए, अंजनेय तिरुमाला से हम्पी जा सकते थे, जो सिर्फ 363 किमी दूर था। वे वैज्ञानिक रूप से यह भी कहते हैं कि हम्पी झारखंड के गुमला से 1,240 किमी, हरियाणा के कैथल से 1,626 किमी, महाराष्ट्र से 616 किमी दूर था। उन्होंने सुझाव दिया कि हम्पी में प्रवास संभव है।