केंद्रीय मंत्री, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने अंदाजा लगाया है कि गरीब सवर्णों (आर्थिक रूप से कमजोर) के लिए 10 फीसदी आरक्षण के फैसले से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का 10 प्रतिशत तक वोट प्रतिशत बढ़ेगा। ऐसे में नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ होगा।
रविवार (20 जनवरी, 2019) को समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत में उन्होंने कहा, “लोग विपक्ष के प्रस्तावित महागठबंधन को उसके अंर्तिनहित अंर्तिवरोध और अस्थिरता के कारण खारिज कर देंगे।” बीजेपी के सहयोगी के मुताबिक, ‘लोकलुभावन’ कार्यक्रमों पर दीर्घकालिक विकास नीतियों को मोदी सरकार द्वारा प्राथमिकता दिए जाने से कई बार समाज के एक वर्ग में नाराजगी हो सकती है, पर लोग अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के ‘मजबूत और स्थिर’ नेतृत्व के लिए वोट देंगे।
बकौल पासवान, “सत्तारूढ़ गठबंधन ने हाल में राज्य चुनावों में हुई हार से सबक सीखा है। चुनावों में कुछ ही महीने शेष हैं। सरकार एक के बाद एक तीर चलाएगी। लोगों के दिमाग में सबसे ज्यादा यह चल रहा होगा कि प्रधानमंत्री के रूप में विपक्ष की पसंद कौन होगा। अगली सरकार स्थिर होगी या अस्थाई। लोग कमजोर, अस्थिर सरकार के बजाय मजबूत और स्थिर सरकार को प्राथमिकता देंगे जिससे मोदी की जीत होगी।”
पासवान ने अनुमान लगाते हुए कहा, “मैं बता दूं। यह 10 प्रतिशत कोटा हमारे वोट शेयर में 10 फीसदी का इजाफा करेगा।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस बिल पर विरोध के बाद भी बिहार में लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को खाता खोलने में मुश्किल होगी। एनडीए, उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 70 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करके अपने 2014 के करिश्मे को दोहरायेगा।”
साल 2014 में लोकसभा की 543 सीटों में से एनडीए ने 336 सीटों पर जीत हासिल की थी और बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत दर्ज कर अपने बलबूते बहुमत हासिल किया था। तब पासवान की पार्टी ने छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। दलितों के बीच संभावित मतदान प्रवृत्ति के सवाल पर वह बोले- दलित जानते हैं कि मोदी दलित विरोधी नहीं हैं, जैसा उन्हें पेश किया जा रहा था। पीएम ने उनके खिलाफ अत्याचार पर कानून को मजबूत किया और भीमराव अंबेडकर की विरासत को दिखाने के लिए बहुत कुछ किया है।
उन्होंने कहा, “विपक्षी पार्टियों की कोई भी सरकार कमजोर और अस्थाई होगी।’’ पासवान के अनुसार, मोदी सरकार ने आवास, शौचालय, बिजली, बैंक खाते और गरीबों को रिण सुविधाएं उपलब्ध करा कर दीर्घकालीन विकास योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है।
राम मंदिर मसले पर अपना रुख दोहराते हुए वह बोले- इस मामले को या तो न्यायिक आदेश से या फिर मामले में शामिल विभिन्न पक्षों के बीच सहमति के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए। पासवान ने स्पष्ट किया कि वह यह चुनाव नहीं लड़ेंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन उन्हें राज्यसभा में भेजेने की तैयारी कर रहा है।