उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित गौतमबुद्ध नगर सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से उम्मीदवार घोषित होने के बाद सपा और कांग्रेस खेमे में मजबूत उम्मीदवार के चयन पर मंथन जारी है। सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद ये सीट सपा के खाते में गई है। सपा यहां गुर्जर उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है।

माना जा रहा है कि सपा का पहले रालोद के साथ गठबंधन था, ऐसे में उसे जाट वोट मिलने की उम्मीद थी। यहां दो बार सपा से नरेंद्र भाटी चुनाव लड़ चुके हैं। 2009 में वह तीसरे और 2014 में दूसरे स्थान पर रहे। नोएडा शहर के फेडरेशन आफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने हाल ही में भाजपा का दामन थाम लिया था।

फोनरवा शहर के सभी सेक्टरों के आरडब्लूए का प्रतिनिधित्व करती है। योगेंद्र शर्मा पहले सपा में थे। वह नोएडा से विधानसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक थे, लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ दी। बसपा प्रमुख मायावती का गृह जनपद होने के बावजूद बसपा फिलहाल यहां से किस उम्मीदवार पर दांव लगाएगी, इसको लेकर राजनैतिक गलियारों में कोई खास चर्चा नहीं है।

2009 में अस्तित्व में आई गौतमबुद्ध नगर लोकसभा

2009 में पहली बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा अस्तित्व में आई थी। उससे पहले यह इलाका खुर्जा लोकसभा क्षेत्र में आता था। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में महेश शर्मा ने जीत हासिल की थी। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 2009 में पहली बार हुए चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में सुरेंद्र सिंह नागर ने जीत दर्ज की थी। वर्तमान में सुरेंद्र सिंह नागर भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं।

2019 में साथ लड़ी थी सपा-बसपा, इस मर्तबा कांग्रेस और सपा हैं एक साथ

2019 लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन में लड़ा था। चुनाव के बाद गठबंधन टूट गया। इस बार सपा-कांग्रेस गठबधंन में सपा अपना उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस प्रवक्ता पवन शर्मा ने बताया कि सपा-कांग्रेस गठबंधन से यहां से सपा अपना उम्मीदवार घोषित करेगी। हम उनका समर्थन करेंगे।