Karnataka Election Results 2023 : कर्नाटक में कांग्रेस एक बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है वहीं भाजपा बहुत कम संख्या के साथ हार का सामना कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए इसे मोहब्बत की जीत और नफरत की हार बताया है। 10 पॉइंट्स में जानिए चुनावी नतीजों पर क्या कुछ खास बातें हैं जिनकी चर्चा लगातार जारी है।

  1. कर्नाटक विधानसभा में हार को स्वीकार करते हुए भाजपा के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए बहुत प्रयासों के बावजूद, हम अपनी छाप नहीं छोड़ पाए हैं। एक बार पूर्ण परिणाम आने के बाद हम एक विस्तृत चर्चा और विश्लेषण करेंगे।
  2. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि पार्टी 120 का आंकड़ा पार कर लेगी। खबरें हैं कि पार्टी ने अपने समर्थकों को साथ रखने के लिए कई रिजॉर्ट बुक किए हैं। इसपर भाजपा की और से हुए पलटवार में कहा गया है कि “कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है”
  3. चुनावी नतीजों से खुश दिखाई दे रही कांग्रेस के सामने चुनौती है मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी एक नाम का चुनाव, ऐसे में कुछ मतभेद भी दिखाई दे रहे हैं.. राज्य पार्टी प्रमुख डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम इस फेहरिस्त में काफी आगे दिखाई दे रहा है। डीके शिवकुमार ने इसे लेकर कहा है,”पार्टी आलाकमान तय करेगा”
  4. कांग्रेस ने बैठक बुलाकर अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु पहुंचने को कहा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम उम्मीदवारों को बताएंगे कि कैसे प्रतिक्रिया देनी है, और सभी निर्णयों को लेकर आलाकमान फैसले लेगा।” सूत्रों ने कहा कि विधायकों को पड़ोसी राज्य तमिलनाडु ले जाया जाएगा।
  5. जनता दल सेक्युलर के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा, “हम एक छोटी पार्टी हैं, हमारी कोई मांग नहीं है, हम एक अच्छे विकास की उम्मीद कर रहे हैं। जेडीएस को त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में किंगमेकर बनने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है।
  6. कर्नाटक में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े पैमाने पर प्रचार किया था, कई रोड शो किए थे। पीएम मोदी ने 19 जनसभाएं और छह रोड शो किए हैं, जबकि कांग्रेस के राहुल गांधी ने 12 दिनों तक राज्य में डेरा डाला था।
  7. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में कर्नाटक में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 80 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती थीं। भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाई थी लेकिन बहुमत परीक्षण से पहले इस्तीफा दे दिया था फिर कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन सरकार बनाई थी। गठबंधन सरकार 14 महीने चली जिसके बाद 16 विधायक भाजपा में चले गए थे और सरकार को गिरा दिया गया था और भाजपा ने सत्ता में वापसी की थी।
  8. कर्नाटक के नतीजों से अगले साल होने वाले आम चुनावों और इस साल के अंत में तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पार्टी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वापसी की उम्मीद कर रही है। वहीं कांग्रेस का ध्यान मध्य प्रदेश को वापस जीतने पर भी है।
  9. कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटें हैं, ऐसे में कांग्रेस का विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन काफी चर्चा में दिखाई दे रहा है। हालांकि विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर 2018 की तुलना में कम नहीं हुआ है, लेकिन चुनावों से संकेत मिलता है कि पार्टी वोक्कालिगा और अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटों में अपनी बहुप्रतीक्षित सफलता हासिल करने में सक्षम नहीं रही है।
  10. कांग्रेस की बढ़त ने विपक्ष को खूब खुश किया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “कर्नाटक से संदेश है कि भाजपा की नकारात्मक, सांप्रदायिक, भ्रष्ट, अमीर-उन्मुख, महिला-युवा विरोधी, सामाजिक-विभाजनकारी, झूठे प्रचार, व्यक्तिवादी राजनीति का ‘अंत’ शुरू हो गया है।”