जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सेना पर गंभीर आरोप लगाया है। श्रीनगर में एक कश्मीरी युवक से मुलाकात के बाद पीडीपी प्रमुख मुफ्ती ने कहा कि भारतीय सेना कश्मीरी युवकों के गले में जबर्दस्ती बंदूक डालकर फोटो खिंचवाने के लिए दबाव डालती है। वहीं सेना की तरफ से महबूबा के बयान को खारिज करने और इसे राजनीतिक एजेंडा करार दिए जाने की भी खबरें आई हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ये है महबूबा का पूरा बयानः रिपोर्ट्स के मुताबिक महबूबा ने कश्मीरी युवक तौसीब से हुई बातचीत के बाद दावा किया, ‘मेजर रोहित शुक्ला के कहने पर तौसीब को सैन्य कैंप में ले जाया गया। वहां बहुत पिटाई की। फिर कहा गया कि गले में बंदूक डाल लो हम आपकी फोटो लेना चाहते हैं, नहीं तो अपनी बंदूक डालकर एनकाउंटर कर दूंगा।’ इसके बाद महबूबा ने सेना पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘ये कैसा सिपाही है? अपने ही लोगों पर जुल्म करते हैं, इसे बहादुरी नहीं कहते हैं। मैं कोर कमांडर से बात करूंगी। इस मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए।’
सेना ने दिया जवाब! रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना ने जवाब देते हुए कहा, ‘यह बयान चुनाव के चलते सुरक्षा बलों पर दबाव बनाने के लिए दिया गया है। सेना अपने लोगों को परेशान नहीं कर सकती है।’ उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की तरफ से समर्थन वापसी के बाद महबूबा की गठबंधन सरकार गिर गई है। पीडीपी की तरफ से अक्सर सेना विरोधी बयान सामने आते रहते हैं। प्रदेश में इस समय राज्यपाल शासन लगा है। राज्य में लोकसभा के अलावा विधानसभा के भी चुनाव होने हैं।