विपक्षी पार्टियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर ईवीएम को लेकर शिकायत की। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि ईवीएम में भाजपा के चुनाव चिन्ह के साथ ही बीजेपी लिखा भी साफ दिखाई दे रहा है। विपक्षी पार्टियों ने तुरंत इसमें सुधार की मांग की है। बता दें कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र में ईवीएम पर सिर्फ भाजपा के चुनाव चिन्ह के नीचे पार्टी का नाम स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ने का दावा किया और इस बारे में शनिवार को चुनाव आयोग से शिकायत की।
प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात की और आग्रह किया कि चुनाव के शेष बचे चरणों के लिए ऐसी ईवीएम को बदला जाए या फिर दूसरी पार्टियों के चुनाव चिन्ह के नीचे उनके नाम भी स्पष्ट रूप से अंकित किए जाएं। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और अभिषेक मनु सिंघवी तथा तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन एवं दिनेश त्रिवेदी शामिल थे। कांग्रेस प्रवक्ता सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईवीएम के ऊपर भाजपा का नाम उसके चुनाव चिन्ह के नीचे स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। दूसरी पार्टियों के नाम उनके चुनाव चिन्ह के नीचे दिखाई नहीं दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि ऐसी मशीनों को हटाया जाए या फिर सुनिश्चित किया जाए कि दूसरी पार्टियों के नाम भी इन मशीनों पर स्पष्ट रूप से दिखें।’’ बैरकपुर से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार दिनेश त्रिवेदी ने दावा किया कि यह जनता के साथ स्पष्ट रूप से धोखा है और ‘ईवीएम’ को हैक करने का प्रयास है।
वहीं एनडीटीवी के साथ बातचीत में एक चुनाव अधिकारी ने विपक्षी पार्टियों के दावे को गलत बताया। चुनाव अधिकारी के अनुसार, साल 2013 में भाजपा ने चुनाव आयोग से निवेदन किया था कि उनके चुनाव चिन्ह के किनारों को थोड़ा गाढ़ा और बोल्ड किया जाए, क्योंकि भाजपा के चुनाव चिन्ह के किनारे हल्के हो गए हैं। इस पर चुनाव आयोग ने भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल के निशान को थोड़ा गाढ़ा कर दिया था। अधिकारी के अनुसार, कमल के निशान के नीचे जो पानी की लाइनें दिखायी गई हैं, उन्हें देखकर कुछ F और P जैसा आभास आता है, लेकिन यह BJP जैसा तो बिल्कुल नहीं है। चुनाव अधिकारी ने ये भी कहा कि ऐसी ईवीएम 2014 से ही इस्तेमाल की जा रहीं हैं।